नोटबंदी विफल, प्रधानमंत्री को अंधेरे में रख रहे हैं पार्टी नेता

Webdunia
सोमवार, 6 फ़रवरी 2017 (17:52 IST)
नई दिल्ली। मोदी सरकार के सबसे बडे निर्णय नोटबंदी को पूरी तरह विफल बताते हुए मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने सोमवार को दावा किया कि खुद भाजपा के नेता ही गुप्त रूप से इसकी मुखालफत करते हैं, लेकिन सार्वजनिक रूप से ऐसा कहने तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को स्थिति की सही जानकारी देने से कतराते हैं। 
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राजीव शुक्ला ने राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा कि नोटबंदी के निर्णय के कारण समाज के हर वर्ग का व्यक्ति बुरी तरह प्रभावित हुआ है और खुद भाजपा के नेता अनौपचारिक बातचीत में और यहां तक कि संसद के केन्द्रीय कक्ष में चाय पर अनौपचारिक चर्चा में इस निर्णय को गलत बताते हैं, लेकिन वे सार्वजनिक रूप से या मोदी के सामने सही स्थिति बयान नहीं करते। 
 
उन्होंने कहा कि यह बड़ी दुखद स्थिति है कि सरकार से जुड़े लोग और सत्ताधारी पार्टी के नेता बिना सोच समझे प्रधानमंत्री के महिमामंडन में लगे रहते हैं और उन्हें जमीनी हालात से अवगत नहीं कराते। उन्होंने कहा कि इस सरकार को सत्ता में आए लगभग तीन वर्ष होने वाले हैं और इनके पास काम के लिए केवल एक ही वर्ष बचा है, लेकिन यह कुछ ठोस काम करने के बजाय अभी भी प्रयोगों में ही लगी है। नोटबंदी के निर्णय से किसान, मजदूर से लेकर देश में आने वाला पर्यटक तक परेशान हैं। फैक्ट्रियां बंद हो रही हैं मजबूर और युवा बेरोजगार हैं और अर्थव्यवस्था की यह हालत है कि डॉलर की तुलना में रुपया 70 के आंकड़े को छू रहा है।
 
शुक्ला ने कहा कि नोटबंदी के जितने भी उद्देश्य सरकार ने बताए थे, उनमें से एक भी पूरा नहीं हुआ उलटे लोगों को बेवजह भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। सरकार ने बिना किसी उद्देश्य के पहले योजना आयोग को निरर्थक कर दिया। रिजर्व बैंक की स्वायत्ता पर निशाना साधा और रही-सही कसर रेल बजट को बंद कर पूरी कर दी।
 
उन्होंने कहा कि विदेश नीति का आलम यह है कि पाकिस्तान के साथ रिश्ते अब तक के सबसे खराब स्तर पर पहुंच गए हैं। सर्जिकल स्ट्राइक का जिक्र करते हुए शुक्ला ने कहा कि सरकार ने इसे इस तरह से पेश किया जैसे यह कोई 'ईवेंट' हो। भारतीय सेना द्वारा इस तरह की कार्रवाई पहले भी किए जाने का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि मोदी सरकार और उनके पार्टी के नेताओं में इसका श्रेय लेने की होड मच गई। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि सरकार केवल विज्ञापनों से नहीं चलती वादों को पूरा करने के लिए ठोस काम भी करने होते हैं। (वार्ता)
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