नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में जहां सपा-बसपा सामने आकर भाजपा का मुकाबला करेंगी, वहीं कांग्रेस परदे के पीछे रहते हुए महागठबंधन के धर्म को निभाएगी। वर्ष 2019 के लिए इस महागठबंधन में कांग्रेस की ओर से प्रियंका गांधी एक अहम भूमिका होगी।
उत्तर प्रदेश के राजनीतिक जानकारों का कहना है कि सपा-बसपा की शर्तों के अनुसार कांग्रेस महागठबंधन में खुलकर सामने नहीं आएगी क्योंकि कांग्रेस को सामने लाकर सपा-बसपा, भाजपा को हमलावार होने का कोई मौका नहीं देना चाहती है। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के एक बेहद करीबी और सपा के एक कद्दावार नेता का कहना है कि कांग्रेस की ओर से महागठबंधन का अमली जामा प्रियंका गांधी पहनाएंगी।
वहीं सूत्रों का कहना है कि गठबंधन की बातचीत के लिए प्रियंका गांधी के दूत सलमान खुर्शीद होंगे। वहीं सूत्रों का कहना है कि पिछले मंगलवार को सलमान खुर्शीद ने लखनऊ जाकर सपा और बसपा के कुछ नेताओं के साथ बातचीत भी की थी।
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनावों में हार से बचने के लिए सपा-बसपा ने सीटों के बंटवारे का एक खास प्लान तैयार किया है। इसके अनुसार यूपी में कांग्रेस अपने उम्मीदवार वहीं उतारेगी जहां उसे जीत का पक्का भरोसा होगा। मतलब ऐसे क्षेत्र जहां कांग्रेस पहले भी जीत हासिल करती रही है।
वहीं सपा-बसपा गठबंधन के सामने कांग्रेस अपना उम्मीदवार भाजपा के ऐसे नेता को बनाएगी जिसकी टिकट बीजेपी ने काट दी हो और वह बीजेपी से नाराज हो। सपा-बसपा ने ये रणनीति बीजेपी का वोट काटने के लिए तैयार की है। दूसरी ओर चर्चा यह भी है कि गठबंधन में रालोद (राष्ट्रीय लोकदल पार्टी) भी शामिल रहेगी।
रालोद को यूपी में दो से तीन सीट दी जा सकती हैं। इस बारे में सपा की प्रवक्ता जूही सिंह का कहना है कि ‘कांग्रेस के साथ हम पहले भी चुनाव लड़ चुके हैं। ये लोकसभा का चुनाव है और कांग्रेस एक राष्ट्रीय पार्टी है इसलिए उसे किनारे तो नहीं किया जा सकता है। रहा सवाल सीट का तो ये सब बातें बैठकर तय की जाएंगी। कांग्रेस खुलकर समर्थन करेगी या परदे के पीछे रहकर यह रणनीति तो पार्टियों के बीच बैठकर तय होगी। ’