नई दिल्ली। राफेल तथा अन्य मुद्दों पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के भारी हंगामे के कारण लोकसभा में आज लगातार पांचवें दिन प्रश्नकाल नहीं हो सका और सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी।
सदन के समवेत होते ही कांग्रेस, तेलुगुदेशम और अन्नाद्रमुक के सदस्य हाथों में अपनी मांगों की तख्तियां लिए अध्यक्ष के आसन के समीप आ गए और जोर-जोर से नारेबाजी करने लगे। कांग्रेस राफेल विमान सौदे की संयुक्त संसदीय समिति से जांच की मांग कर रही थी। उनकी तख्तियों पर मोदी का भ्रष्टाचार सामने आ गया के नारे लिखे थे।
सत्तारुढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के सदस्य भी हाथों में तख्तियां लिए अपनी जगह पर खड़े हो गए। वे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से राफेल मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद माफी की मांग कर रहे थे। साथ ही वे 1984 के सिख दंगों को लेकर भी कांग्रेस के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। कुछ सदस्य अपनी जगह से उठकर रास्ते में भी आ गए, लेकिन वे सदन के बीचों-बीच नहीं आए।
तेलुगुदेशम् के सदस्य आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा तथा आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम के तहत किए गए वादों को पूरा करने की मांग कर रहे थे। अन्नाद्रमुक के सदस्य कावेरी नदी पर नए बांधों के निर्माण के विरोध में नारे लगा रहे थे।
शोर-शराबे के बीच ही अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने प्रश्नकाल की कार्यवाही शुरू की और पहले प्रश्न के उत्तर के लिए कृषिमंत्री राधामोहन सिंह का नाम पुकारा। इस दौरान एक-दो पूरक प्रश्न भी पूछे गए और मंत्री ने हंगामे के बीच ही उनका उत्तर भी दिया।
स्थिति उस समय बेहद विचित्र हो गई जब मंत्री के माइक से ही सत्ता पक्ष के सदस्य गांधी और गांधी परिवार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। जवाब में कांग्रेस के सदस्य भी सत्ता पक्ष की सीटों की ओर जाकर मंत्री के माइक से ही भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और सरकार के खिलाफ नारे लगाने लगे। श्रीमती महाजन ने अंतत: 11.12 बजे सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।