कोझिकोड (केरल)। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने बुधवार को एक दिलचस्प किस्सा साझा किया कि कैसे तेलंगाना में उनके एक भाषण के अनुवादक को कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ा। गांधी ने यह किस्सा एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में बयां किया, जहां इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के सांसद अब्दुस्समद समदानी उनके भाषण का अनुवाद करने के लिए मौजूद थे।
राहुल गांधी ने कहा कि मैं कुछ कह रहा था और वे (अनुवादक) कुछ और कह रहे थे। फिर कुछ समय बाद मैंने अपने शब्द गिनने शुरू कर दिए। वे तेलुगु में बोल रहे थे इसलिए मैंने सोचा कि अगर मैं हिन्दी में 5 शब्द बोलूं तो इसका तेलुगु में अनुवाद करने में 5 या 7 शब्द लगेंगे, लेकिन वे 20, 25, 30 शब्द बोलते थे।
उन्होंने कहा कि कभी-कभी मैं कुछ बहुत उबाऊ बात भी कह देता था तो भीड़ बहुत उत्साहित हो जाती थी। फिर मैं कुछ रोमांचक बात कह देता था और भीड़ शांत हो जाती थी। उस वक्त मैं गुस्सा भी नहीं कर सकता था इसलिए मुझे हर समय मुस्कुराना पड़ता था। कांग्रेस नेता ने कहा कि उन्हें यकीन है कि उनके सहयोगी (समदानी) को पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में उनके भाषण का अनुवाद करते समय ऐसी कोई समस्या नहीं होगी।(भाषा)