नई दिल्ली। रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnav) ने शुक्रवार को लोकसभा में 'रेल (संशोधन) विधेयक, 2024' पेश किया और कहा कि इसके माध्यम से रेलवे बोर्ड (Railway Board) को पूर्ण अधिकार मिलेंगे। सदन में इस विधेयक को पेश किए जाने का विरोध करते हुए तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय ने कहा कि रेलमंत्री को ऐसे गैरजरूरी विधेयक लाने के बजाय रेल दुर्घटनाएं रोकने पर ध्यान देना चाहिए।
1905 में रेलवे बोर्ड बनाया गया : रेलमंत्री वैष्णव ने तृणमूल कांग्रेस के सांसद पर चुटकी लेते हुए कहा कि लगता है कि सदस्य के पास कोई काम नहीं है, इसलिए वे अनावश्यक आपत्ति लाते हैं। उनकी पार्टी को उन्हें और अधिक काम देना चाहिए। वैष्णव ने कहा कि भारत में जब रेलवे की शुरुआत हुई तो यह लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) की एक शाखा के रूप में काम करती थी और रेलवे के विस्तार के साथ जब एक अलग व्यवस्था की जरूरत महसूस हुई तो 1905 में रेलवे बोर्ड बनाया गया।
उन्होंने कहा कि 1989 में भारतीय रेलवे से संबंधित नया कानून आया, लेकिन एक कमी रह गई थी और रेलवे बोर्ड को वैधानिक अधिकार नहीं मिल पाए थे। रेलमंत्री ने कहा कि इस कमी को इस विधेयक के माध्यम से पूरा किया जा रहा है। इससे रेलवे बोर्ड को पूर्ण अधिकार मिलेंगे और उसकी क्षमता बढ़ेगी।(भाषा)