नई दिल्ली। रेलमंत्री पीयूष गोयल ने सभी रेलवे जोन के अधिकारियों को चेतावनी दी है कि अगर ट्रेनें लेट होती हैं तो उसका असर उनकी तरक्की पर होगा। रेलमंत्री ने पिछले सप्ताह एक बैठक के दौरान अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा कि वे या तो एक महीने के अंदर ट्रेनों की लेटलतीफी का ढर्रा सुधार लें या फिर इसका असर उनकी तरक्की पर पड़ेगा।
नहीं चलेगा कोई बहाना
रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार रेलमंत्री ने बैठक के दौरान जोनल अफसरों से कहा कि वे रखरखाव के कामों का बहाना देकर लेटलतीफी पर सफाई नहीं दे सकते। अधिकारी के मुताबिक पिछले महीने प्रगति मीटिंग के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी गोयल से ट्रेनों के समय प्रबंधन पर सवाल पूछे थे। इसके बाद ही उन्होंने सभी जोनल प्रमुखों से खराब समय प्रबंधन का विवरण मांगा।
समय प्रबंधन पर मोदी ने मांगी थी जानकारी
खबरों के अनुसार पिछले महीने प्रगति बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी गोयल से ट्रेनों के समय प्रबंधन पर सवाल पूछे थे। इसके अलावा पिछले महीने ही रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्विनी लोहनी ने भी सभी जोन के प्रमुखों को समय पाबंदी बढ़ाने के लिए 15 दिन का समय दिया था।
क्या कहते हैं आंकड़े
पिछले महीने रेलवे के आधिकारिक आंकड़ों में दावा किया गया था कि 2017-18 में देशभर की 30 प्रतिशत ट्रेन लेट रही हैं। इसके पीछे रेलवे निर्माण कार्यों को कारण बताया गया है। उत्तर रेलवे में 29 मई से से करीब 49 प्रतिशत ट्रेनें लेट रही हैं। पिछले साल के मुकाबले यह आंकड़ा 32.74 प्रतिशत ज्यादा खराब है। इसके बाद पूर्वोत्तर फ्रंटियर रेलवे 27 प्रतिशत और पूर्वी रेलवे 26 प्रतिशत भी लेटलतीफी के आंकड़े में काफी आगे रहे हैं।
30 जून तक का समय
रेलमंत्री ने अधिकारियों को प्रदर्शन सुधारने के लिए 30 जून तक का समय दिया है। अगर इसके बाद उन्हें सुधार नहीं दिखता तो जिम्मेदार प्रबंधकों की पदोन्नति पर विचार नहीं किया जाएगा। इसके अलावा उन्होंने प्रबंधकों के प्रदर्शन का मूल्यांकन उनके सुधार कार्यों के आधार पर करने की बात कही।