वाकया कुछ इस तरह है कि संघ के कार्यक्रम में सिक्खों के दसवें गुरु गोविंद सिंह को याद किया जा रहा था। इसी कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने शुरुआत में तो ठीक-ठाक बोला, लेकिन अचानक उनकी जबान फिसल गई और वे सिक्खों के धार्मिक नारे को गलत बोल गए।
गृहमंत्री राजनाथ सिंह की जबान से गलती तब हुई जब उन्हें अपने संबोधन के दौरान सिक्खों का धार्मिक नारा 'वाहेगुरुजी का खालसा' बोलना था, लेकिन अचानक उनकी जबान से यह नारा 'वाहेगुरुजी की फतह' निकल गया और जब तुरंत उन्हें याद दिलाया गया, तो वे बोले, इधर-उधर तो सब चलता है।