उत्तर प्रदेश में विधानसभा 11 सीटों पर हो रहा उपुचनाव को लेकर सियासी सरगर्मी तेज हो हो गई है। लोकसभा चुनाव के 4 महीने बाद हो रहे इन उपचुनाव में सबसे अधिक चर्चा रामपुर विधानसभा सीट को लेकर है, जो विधायक आजम खान के सांसद बनने के बाद खाली हुई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सबसे बड़े विरोधी के रुप में पहचाने जाने वाले आजम खान और उनका परिवार जिस तरह योगी सरकार में मुकदमों के जाल में फंसा हुआ है उसके बाद इस सीट पर हो रहे उपचुनाव पर सबकी निगाह लग गई है।
वजूद बचाने की लड़ाई में आजम - रामपुर विधानसभा सीट पर हो रहा उपुचनाव एक तरह से सपा के दिग्गज नेता आजम खान के लिए सियासी वजूद की लड़ाई का चुनाव बन गया है।
समाजवादी पार्टी ने उपचुनाव के लिए सांसद आजम खान की पत्नी डॉक्टर तंजीन फातिमा को चुनावी मैदान में उतारा है। राज्यसभा सांसद तंजीन फातिमा से मुकाबले के लिए भाजपा ने तमाम अटकलों को दरकिनार करते हुए भारत भूषण श्रीवास्तव को चुनावी मैदान में उतारा है।
उत्तर प्रदेश की सियासत में चार दशक से आजम खान के गढ़ के रुप में पहचाने जाने वाले रामपुर में इस बार चुनावी मुकाबला बेहद दिलचस्प है।
रामपुर से 9 बार के विधायक और पहली बार सांसद बने आजम खान के खिलाफ बकरी चोरी से लेकर जमीन कब्जाने के 82 मुकदमें दर्ज हो चुके है। हालात यह है कि चुनावी सीजन में रामपुर में आजम खान के घर के गेट पर पार्टी पोस्टर की जगह कोर्ट के नोटिस दिखाई दे रहे है।
मुकदमों के चक्रव्यूह में घिरे आजम खान पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है,शायद गिरफ्तारी की डर से आजम खान चुनाव प्रचार के लिए अब तक सामने नहीं आए। ऐसे में आजम खान के समाने सबसे बड़ी चुनौती अपनी पत्नी को चुनाव जीताकर अपने सियासी वजूद बचाना है। भाजपा को छोड़कर बसपा और कांग्रेस ने रामपुर से मुस्लिम चेहरों को ही मैदान में उतार कर आजम की मुश्किलें और बढ़ा दी है।
मोदी लहर भी नहीं ढहा रामपुर का ‘किला’ – चार महीने पहले हुए लोकसभा चुनाव में मोदी लहर में भी भाजपा रामपुर में आजम खान का अभेद किला नहीं ढहा पाई थी। भाजपा ने रामपुर लोकसभा सीट पर आजम खान को घेरने के लिए दिग्गज चेहरे जया प्रदा को चुनावी मैदान में उतारकर अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी लेकिन आजम खान अपना किला बचाने में सफल हो गए थे। चुनाव के दौरान अपने बयानों से चर्चा में आए आजम खान ने नतीजों से यह साबित कर दिया था कि उनके ही गढ़ में उनको मात देना आसान काम नहीं है।
मोदी- योगी की आग्निपरीक्षा – लोकसभा चुनाव के 4 महीनों के अंदर ही रामपुर विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में एक तरह पीएम मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले सेमीफाइनल के तौर पर देखने जाने वाले इन चुनाव के नतीजे (खास रामपुर) उत्तर प्रदेश की भविष्य की राजनीति की दशा और दिशा तय करेंगे।
रामपुर से सपा सांसद आजम खान अपने खिलाफ लगाए गए केसों को बदले की भावना से की जा रही कार्रवाई बता रहे है तो उनके समर्थन में खुद सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव आ खड़े हुए है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तमाम विवादों के बीच आजम खान के पत्नी को विधानसभा चुनाव के लिए मैदान में उतारकर फिर अपना समर्थन दे दिया है।