रतन टाटा ने 9 साल पहले युवा उद्यमियों द्वारा संचालित न्यू इंडिया की कल्पना की थी

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
गुरुवार, 10 अक्टूबर 2024 (15:13 IST)
News about ratan tata: पारंपरिक व्यापारिक परिवार से आने के बावजूद रतन टाटा (Ratan Tata) हमेशा आगे की सोच रखते थे और यह गुण 9 साल पहले 'टी-हब' (T Hub) के उद्घाटन के अवसर पर उनके द्वारा दिए गए भाषण से स्पष्ट होता है जिसमें उन्होंने शानदार विचारों वाली युवा प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने के महत्व पर जोर देते हुए कहा था कि वे भारत के नए चेहरे का प्रतिनिधित्व करते हैं।ALSO READ: मनमोहन सिंह बोले, सत्ता में बैठे लोगों से सच बोलने का साहस रखते थे रतन टाटा
 
इन्क्यूबेशन केंद्र टी-हब में टाटा ने कहा था : भारत के सबसे बड़े इन्क्यूबेशन केंद्र टी-हब में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए टाटा ने कहा था कि वे ऐसे माहौल में पले-बढ़े थे, जहां अगर किसी के पास कोई विचार होता तो बॉस या प्रबंधक उसे सुनने को तैयार नहीं होते और विनम्रता से कहते कि विचार लाने से पहले जमीनी स्तर पर अनुभव प्राप्त करना होगा।ALSO READ: रतन टाटा के निधन को लेकर क्या बोले RSS प्रमुख भागवत मोहन भागवत
 
उन्होंने कहा था कि मैं ऐसे माहौल में पला-बढ़ा हूं, जहां अगर आपके पास कोई विचार होता तो आपका बॉस या प्रबंधक आपसे विनम्रता से, कभी-कभी बहुत ज्यादा विनम्रता से भी नहीं, कहता कि अपने विचार प्रकट करने से पहले आपको कुछ अनुभव प्राप्त करने की आवश्यकता है।ALSO READ: रतन टाटा के 10 फैसले जिन्होंने बदली भारतीय उद्योग जगत की दशा दिशा
 
उन्होंने कहा था कि आपको 5 साल जमीनी स्तर पर काम करने की जरूरत है। उसके बाद आप बात कर सकते हैं। आजकल उद्यम ऐसे नहीं होते। आज उद्यम किसी ऐसे व्यक्ति की क्षमता है जिसकी उम्र भले ही 20 से 30 वर्ष हो लेकिन उसके पास एक अच्छा विचार हो तथा उसे इसे लागू करने का तरीका खोजने की जरूरत हो।ALSO READ: रतन टाटा के निधन से अंबानी, अडानी दुखी, जानिए क्या कहा?
 
उनके अनुसार देश में उद्यम पूंजीपतियों का माहौल है, जो व्यक्ति की बात सुनते हैं और टी-हब जैसी सुविधाएं हैं, जो उस व्यक्ति को अपने विचारों को वास्तविकता में बदलने के लिए सक्षम बनाती हैं। टी-हब नवाचार केंद्र है, जो स्टार्टअप, कॉर्पोरेट, शिक्षाविदों, निवेशकों और सरकारों को जोड़ता है।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

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