काफी समय से रॉ स्नैच ऑपरेशंस (धरपकड़ अभियानों) में भी शामिल रही है। स्नैच ऑपरेशन में रॉ के अधिकारी विदेश में किसी संदिग्ध को पकड़ते हैं और देश के अज्ञात स्थान पर पूछताछ के लिए लाते हैं। प्रत्यर्पण की लंबी प्रक्रिया से बचने के लिए ऐसा किया जाता है। स्नैच ऑपरेशनों को समझने के लिए अक्षय कुमार की फिल्म 'बेबी' अच्छा उदाहरण है। पिछले दशक में रॉ ने नेपाल, बांग्लादेश एवं अन्य देशों में 400 सफल स्नैच ऑपरेशनों को अंजाम दिया है।
इसके साथ ही, नेपाल, बांग्लादेश और अन्य देशों से कुछ कुख्यात आतंकवादियों को पकड़कर पूछताछ की है। जिन कुख्यात आतंकवादियों को पकड़कर पूछताछ की गई है, उनमें खालिस्तान कमांडो फोर्स का भूपिंदरसिंह भूदा, लश्कर के आतंकवादी तारिक महमूद, अब्दुल करीम टुंडा, शेख अब्दुल ख्वाजा शामिल हैं। विदित हो कि अब्दुल ख्वाजा उन लोगों में शामिल था जोकि 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों के दौरान पाकिस्तानी आतंकवादियों को निर्देश दे रहा था।
इसी तरह से इंडियन मुजाहिदीन के संस्थापक नेता यासीन भटकल को भी पकड़ा गया था। उल्लेखनीय है कि रॉ ने केवल कुछेक ऑपरेशनों की ही जानकारी सार्वजनिक की है। संभव है कि बहुत बड़ी संख्या में ऐसे अन्य ऑपरेशनों की हमें जानकारी होगी भी नहीं। हम तो सिर्फ इतना जानते हैं कि इस तरह की संस्था के कारण हम सुरक्षित हाथों में हैं।
इन ऑपरेशनों के तहत लंबी प्रत्यर्पण प्रक्रिया से बचते हुए संदिग्ध आतंकवादियों को पकड़कर भारत लाया गया था और इनसे अज्ञात स्थानों पर पूछताछ की गई थी और आम तौर पर इन्हें अदालतों में पेश कर दिया जाता है। आतंकवादियों के लिए आसान घुसपैठ द्वार बन जाने के बाद रॉ और आईबी नेपाल में सक्रिय रही है। इनमें से ज्यादातर पकड़े गए उग्रवादियों को दिल्ली की तिहाड़ जेल में रखा गया है।