RBI ने नहीं किया ब्याज दरों में बदलाव, आम आदमी को नहीं मिली राहत
शुक्रवार, 9 अक्टूबर 2020 (10:30 IST)
नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को क्रेडिट पॉलिसी का ऐलान किया। आरबीआई ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया। आरबीआई ने रेपो रेट 4 फीसदी पर बरकरार रखा है। वहीं रिवर्स रेपो रेट में भी कोई कटौती नहीं की गई है। प्रेस कॉन्फ्रेंस से जुड़ी हर जानकारी...
-जारी होंगे एमपीसी (RBI Monetary Policy Committee) की तीन दिन से जारी बैठक के नतीजे।
-रिजर्व बैंक एक बार फिर ब्याज दरों में कटौती का ऐलान कर सकता है।
-इससे पहले अगस्त में हुई एमपीसी की 24वीं बैठक में आरबीआई ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया था।
-अगर इस बैठक में रेपो रेट कम की जाती है, तो ग्राहकों को ईएमआई (EMI) में राहत मिलेगी।
-रिजर्व बैंक ने प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 4 प्रतिशत पर बरकरार रखा।
-RBI ने आर्थिक वृद्धि को समर्थन देने के लिये उदार रुख बरकरार रखने की घोषणा की।
-दास ने कहा, कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में भारतीय अर्थव्यवस्था निणार्यक चरण में प्रवेश कर रही है।
-अर्थव्यवस्था में पहली तिमाही में आई गिरावट पीछे छूट चुकी है, स्थिति में सुधार के संकेत दिखने लगे हैं।
-नियंत्रण अथवा अंकुश लगाने के बजाय अब अर्थव्यवस्था को उबारने पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत।
-चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही तक मुद्रास्फीति के तय लक्ष्य के दायरे में आ जाने का अनुमान।
-जीडीपी के चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही तक संकुचन के रास्ते से हटकर फिर से वृद्धि के रास्ते पर आने का अनुमान।
-वित्त वर्ष की पहली छमाही के धीमे सुधार को दूसरी छमाही में मिल सकती है गति, तीसरी तिमाही से आर्थिक गतिविधियां बढ़ने लगेंगी।
-चालू वित्त वर्ष में वास्तविक जीडीपी दर में आ सकती है 9.5 प्रतिशत की गिरावट।
-रिजर्व बैंक प्रणाली में संतोषजनक तरलता की स्थिति बनाये रखेगा, अगले सप्ताह खुले बाजार परिचालन के तहत 20,000 करोड़ रुपए जारी किए जाएंगे।
-मुद्रास्फीति में आया मौजूदा उभार अस्थाई, कृषि परिदृश्य दिख रहा उज्ज्वल, कच्चे तेल की कीमतें दायरे में रहने की उम्मीद।
-ग्रामीण अर्थव्यवस्था सबसे ज्यादा मजबूत।
-जनवरी-मार्च 2021 तक पॉजिटिव GDP ग्रोथ संभव।
-खरीफ फसलों की अच्छी बुआई हुई। खाद्यायन उत्पादन दोबारा रिकॉर्ड बना सकता है।