इसके मद्देनजर 1 अप्रैल से आधार दर को भी एमसीएलआर से जोड़ने का फैसला किया गया है। उल्लेखनीय है कि एमसीएलआर की व्यवस्था 1 अप्रैल 2016 से शुरू की गई थी। इसके तहत आरबीआई नियमित रूप से एमसीएलआर की समीक्षा करता है। इस कारण पिछले कुछ समय में नीतिगत दरों में की गई कटौती का पूरा लाभ नए ऋण लेने वालों को मिला है, लेकिन पुराने ऋण लेने वालों को इसका लाभ नहीं मिल रहा था।