जयपुर। 'स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है, मैं इसे लेकर रहूंगा' का नारा बुलंद करने वाले लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक को राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की संदर्भ पुस्तक में 'आतंक का जनक' करार दिया गया।
राजस्थान के स्कूलों में पढ़ाई जा रही एक निजी प्रकाशक की किताब में 'आतंकवाद का जनक' करार दिया गया है। यह किताब पिछले कई सालों से राजस्थान में पढ़ाई जा रही है लेकिन आज तक प्रकाशक के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।
हालांकि आठवीं कक्षा की अंग्रेजी माध्यम की इस किताब से राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड किनारा कर रहा है। प्रकाशक ने इसे अनुवाद की गलती बताते हुए सुधार करने की बात कही है। कांग्रेस ने पुस्तक को पाठ्यक्रम से हटाने की मांग की है।
राजस्थान के स्कूलों में आठवीं कक्षा में पढ़ाई जा रही इस किताब के 22वें अध्याय नेशनल मूवमेंट में तिलक के संबंध में कई आपत्तिजनक बातें लिखी गई हैं। इस किताब के पेज संख्या 267 पर साफ तौर पर लिखा गया है कि बाल गंगाधर तिलक 'आतंकवाद के जनक' कहलाते थे।