India and European Union Relations : विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने मंगलवार को कहा कि इतनी अस्थिर और अनिश्चित दुनिया में भारत-यूरोपीय (India and European) संघ के बीच मजबूत संबंधों का होना स्थिरता की दृष्टि से महत्वपूर्ण कारक हो सकता है। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों के बीच संबंध पहले से भी अधिक महत्वपूर्ण हैं।
विश्व व्यवस्था का भविष्य ही दांव पर लगा : जयशंकर ने कहा कि दुनिया इस समय 2 बड़े संघर्षों से गुजर रही है, इन्हें अक्सर सिद्धांत के मामले के रूप में पेश किया जाता है। हमें बताया जाता है कि विश्व व्यवस्था का भविष्य ही दांव पर लगा है। फिर भी, रिकॉर्ड से पता चलता है कि इन सिद्धांतों को कितने चुनिंदा और असमान रूप से लागू किया गया है। अपने संबोधन में उन्होंने व्यापार और डिजिटल प्रौद्योगिकी, जलवायु कार्रवाई तथा भू-राजनीति के साथ उनके अंतर्संबंध के पहलुओं पर भी चर्चा की। आज विश्व व्यवस्था को और स्पष्ट किए जाने के बारे में चर्चा हो रही है। तथ्य यह है कि जिस आम सहमति के आधार पर यह बनाई गई है, उसने पहले भी बहुत बेहतर प्रदर्शन किया है।
उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि जब हम उचित नीतियों और प्रतिक्रियाओं पर विचार करें तो बातचीत में ईमानदारी का भाव हो। हमारे हित और मूल्य स्पष्ट रूप से समान हैं, प्राथमिकता और विशिष्टता पर कुछ मतभेद हो सकते हैं, लेकिन जो चीज हमें जोड़ती है वह कहीं अधिक मजबूत भावना है। आखिरकार हम राजनीतिक लोकतंत्र, बहुलवादी समाज और बाजार अर्थव्यवस्थाएं हैं।
विदेश मंत्री ने कहा कि हम पहले से ही ऐसा होते हुए देख रहे हैं, उदाहरण के लिए रक्षा और सुरक्षा तथा प्रौद्योगिकी सहयोग में। मुख्य बात यह है कि हमारे भारत-यूरोपीय संघ संबंध पहले से भी अधिक महत्वपूर्ण है।(भाषा)