न्यायमूर्ति अनूप चितकारा ने 7 मई को देर रात अत्यावश्यक आधार पर बग्गा की याचिका पर अपने आवास पर सुनवाई की थी। बग्गा के वकील चेतन मित्तल ने हाईकोर्ट के आदेश पर कहा कि 10 मई तक कोई दंडात्मक कदम नहीं। उन्होंने कहा कि अदालत ने गिरफ्तारी वारंट पर रोक लगा दी है। आज सुनवाई करते हुए अदालत ने बग्गा को 5 जुलाई तक राहत दे दी।
इससे पहले न्यायिक दंडाधिकारी रावतेश इंद्रजीत सिंह की अदालत ने पिछले महीने दर्ज एक मामले में बग्गा के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। पंजाब पुलिस ने भड़काऊ बयान देने, दुश्मनी को बढ़ावा देने और आपराधिक धमकी देने के आरोप में तेजिंदर पाल सिंह बग्गा के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
मोहाली के निवासी आम आदमी पार्टी (आप) के नेता सनी अहलूवालिया की शिकायत पर यह मामला दर्ज किया गया था। 1 अप्रैल को दर्ज प्राथमिकी में 30 मार्च की बग्गा की टिप्पणी का उल्लेख है, जो उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर भाजपा युवा मोर्चे के विरोध प्रदर्शन के दौरान की थी।
बग्गा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 153-ए, 505 और 506 के तहत मामला दर्ज किया गया था। बग्गा को पंजाब पुलिस ने शुक्रवार को दिल्ली स्थित उनके घर से गिरफ्तार किया था। हालांकि बग्गा को पंजाब ले जा रहे पुलिसकर्मियों को हरियाणा में रोक लिया गया था। इसके बाद दिल्ली पुलिस उन्हें वापस दिल्ली ले आई थी।