बैंक क्षेत्र को फिर झटका, रोटोमैक से जुड़ा 3695 करोड़ रुपए का घोटाला

सोमवार, 19 फ़रवरी 2018 (23:35 IST)
नई दिल्ली। नीरव मोदी-पीएनबी घोटाले के बाद बैंक क्षेत्र को एक और झटका लगा है। रोटोमैक ब्रांड नाम से कलम बनाने वाली कंपनी के प्रवर्तक विक्रम कोठारी ने कथित रूप से सात बैंकों के साथ 3,695 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की।


इसको देखते हुए केंद्रीय जांच एजेंसियों ने उसके खिलाफ मामले दर्ज किए और कानपुर में उसके परिसरों की तलाशी ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) तथा प्रवर्तन निदेशालय ने पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में करीब 11,400 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी को लेकर अरबपति हीरा कारोबारी नीरव मोदी और आभूषण कंपनी के खिलाफ शिकायतों के बाद जांच शुरू की है। रोटोमैक मामले में सीबीआई और ईडी ने अलग-अलग मामले दर्ज किए हैं।

सीबीआई के अनुसार, इस मामले में बैंक आफ बड़ौदा (456.53 करोड़ रुपए), बैंक आफ इंडिया (754.77 करोड़ रुपए), बैंक ऑफ महाराष्ट्र (49.82 करोड़ रुपए), इलाहबाद बैंक (330.68 करोड़ रुपए), ओरिएंटल बैंक ऑफ कामर्स (97.47 करोड़ रुपए), इंडियन ओवरसीज बैंक (771.07 करोड़ रुपए) तथा यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (458.95 करोड़ रुपए) ने कर्ज दे रखे हैं।

सीबीआई का कहना है कि आरोपियों ने सातों बैंकों से प्राप्त 2,919 करोड़ रुपए के ॠण की हेराफेरी की है। वहीं उन पर ब्याज समेत कुल बकाया राशि 3,695 करोड़ रुपए है। इस खबर से इन बैंकों के शेयर नीचे आ गए। यूनियन बैंक का शेयर 8.50 प्रतिशत टूटा वहीं बैंक आफ बड़ौदा 5.48 प्रतिशत, बैंक ऑफ इंडिया 4.07 प्रतिशत, इलाहबाद बैंक 3.45 प्रतिशत, ओरिएंटल बैंक ऑफ कामर्स 1.80 प्रतिशत, बैंक ऑफ महाराष्ट्र 1.25 प्रतिशत तथा इंडियन ओवरसीज बैंक 0.60 प्रतिशत नीचे आए।

सीबीआई ने बैंक ऑफ बड़ौदा से कानपुर की रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लि., उसके निदेशक विक्रम कोठारी, उनकी पत्नी साधना कोठारी और उनके बेटे राहुल कोठारी तथा अज्ञात बैंक अधिकारियों के खिलाफ मिली शिकायत के बाद मामला दर्ज किया। इन लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी और फर्जीवाड़ा को लेकर भारतीय दंड संहिता तथा भ्रष्टाचार निरोधक कानून की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।

वहीं वित्त मंत्रालय के अधीन आने वाले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी कंपनी के प्रवर्तकों के खिलाफ मनीलांड्रिंग निरोधक कानून (पीएमएलए) के तहत मामला दर्ज किया है। ईडी इस बात की जांच करेगा कि क्या धोखाधड़ी से प्राप्त राशि का उपयोग अवैध संपत्ति और कालाधन सृजन में किया गया। इस बीच, जांच एजेंसियों ने कुछ दिन पहले सामने आए नीरव मोदी से जुड़े घोटाला मामले में हीरा कारोबारी तथा उसके मामा मेहुल चौकसी के खिलाफ शिकंजा कसा।

ईडी ने 22 करोड़ रुपए मूल्य के आभूषण जब्त किए वहीं आयकर विभाग ने सात संपत्ति कुर्क की तथा सीबीआई ने उसकी कंपनी के चार वरिष्ठ कार्यकारियों से पूछताछ की। केंद्रीय सतर्कता आयुक्त केवी चौधरी ने भी 11,400 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी मामले में पंजाब नेशनल बैंक तथा वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की।

ईडी प्रमुख कर्नल सिंह पीएनबी धोखाधड़ी मामले में मनीलांड्रिंग जांच की समीक्षा के सिलसिले में मुंबई गए। ईडी द्वारा 22 करोड़ रुपए के रत्न एवं आभूषण की जब्ती के बाद से कुल 5,671 करोड़ रुपए मूल्य के रत्न एवं आभूषण जब्त किए जा चुके हैं। इस बीच, केंद्रीय जांच एजेंसियों ने मुंबई, पुणे, औरंगाबाद, ठाणे, कोलकाता, दिल्ली, जम्मू, लखनऊ, बेंगलुरु और सुरत समेत विभिन्न शहरों में 38 अन्य ठिकानों की तलाशी ली।

इधर, आयकर विभाग ने गीतांजलि समूह और उसके प्रवर्तक मेहुल चौकसी, मोदी की मुंबई में सात संपत्ति आज कुर्क की। जहां ईडी 11,400 करोड़ रुपए के घोटाले के मामले में मनीलांड्रिंग पहलू का पता लगाएगा, वहीं सीबीआई पीएनबी के नियामकीय प्रणाली को धत्ता बताते हुए गारंटी पत्र (लेटर ऑफ अंडरटेकिंग ) साख पत्र जारी करने के पीछे राज का पता लगाएगी। (भाषा)

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