राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात करने के बाद गहलोत ने कहा कि भाजपा मध्यप्रदेश के खेल को राजस्थान में भी दोहराना चाहती थी और 'यह सब' पिछले 6 महीने से चल रहा था। गहलोत ने कहा कि पायलट व उनके साथ गए अन्य मंत्रियों, विधायकों को मौका दिया गया, लेकिन वे न तो सोमवार को और न ही मंगलवार को कांग्रेस विधायक दल की बैठक में आए।
गहलोत ने कहा कि सचिन पायलट के हाथ में कुछ भी नहीं हैं। वे तो केवल भाजपा के हाथ में खेल रहे हैं, जो रिसॉर्ट सहित बाकी सारे बंदोबस्त करने में जुटी है। पिछले 6 महीने से राज्य में विधायकों की खरीद-फरोख्त के प्रयास चल रहे थे। पायलट सहित 3 मंत्रियों को उनके पदों से हटाए जाने के फैसले की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी ने मजबूर होकर यह फैसला किया है।
गहलोत ने कहा कि आज के फैसले से कोई खुश नहीं है, न पार्टी, न आलाकमान। गहलोत ने कहा कि उन्होंने किसी की पार्टी आलाकमान से शिकायत नहीं की। (भाषा)