Tirupati Laddu controversy: तिरुपति मंदिर के प्रसाद में पशु चर्बी की मिलावट को लेकर अयोध्या का संत समाज भी आक्रोशित है। दरअसल, अयोध्या में रामजी की प्राण प्रतिष्ठा के समय तिरुपति से 1 लाख आए थे। राम मंदिर के मुख्य पुजारी महंत सत्येन्द्र दास, स्वामी रामभद्राचार्य, भाजपा के पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह समेत अयोध्या के संत समुदाय ने तीखी प्रतिक्रिया जाहिर की है। तिरुपति के लड्डुओं में गाय और सूअर की चर्बी मिलाने का आरोप है।
अयोध्या राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सतेन्द्र दास ने अपनी नारजगी व्यक्त करते हुए कहा कि देश में जितने भी तेल-घी बिक रहे हैं, सभी की जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारे मठ-मंदिरों को अपवित्र करने का षड्यंत्र अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किया जा रहा है। आध्यात्मिक गुरु रामभद्राचार्य ने तिरुपति लड्डू प्रसादम विवाद पर कहा कि 1857 में जो स्थिति मंगल पांडेय की थी वह स्थिति हमारी है। इसलिए हम कह रहे हैं कि मंदिरों का सरकारी अधिग्रहण नहीं होना चाहिए। सरकार हमारा अधिग्रहण समाप्त करे।
वहीं, कैसरगंज के पूर्व भाजपा सांसद व कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष ब्रजभूषण शरण सिंह ने यूपी की योगी सरकार पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा कि मैं 2 साल से कह रहा हूं, लेकिन कोई मान नहीं मान रहा है। तिरुपति लड्डू ही नहीं यूपी में बिक रहे देशी घी की भी जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि एक बाबाजी के घी का मैंने नाम ले लिया था। उन्होंने मेरे ऊपर मुकदमा कर दिया था। वहां के मुख्यमंत्री का कलेजा था कि उन्होंने जांच कराई।
मंदिर शासकीय नियंत्रण से मुक्त हों : वहीं शिक्षाविद और महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय बीकानेर के कुलपति आचार्य मनोज दीक्षित ने साफ तौर पर इस मुद्दे पर कहा कि मुझे लगता है कि अब समय आ गया है कि हिन्दू संस्थानों व मंदिरों को शासकीय नियंत्रण से मुक्त किया जाए और उन्हें हिन्दू आस्था, विश्वास व हिन्दू परम्पराओं पर चलने के लिए स्वतंत्र किया जाए। यही समय की मांग भी है।