कम हुआ जुर्माना : नए नियमों के अनुसार, मेट्रो सिटी के खाताधारक के खातों में 1 अक्टूबर से मेट्रो सिटी की ब्रांच और शहरी इलाके की ब्रांच दोनों में ही मंथली एवरेज बैलेंस (एएमबी) घटकर 3000 हो जाएगा। अगर मेट्रोसिटी खाताधारक 3000 रुपए का बैलेंस मेंटेन नहीं कर पाता और उसका बैलेंस 75 प्रतिशत से कम है तो उसके जुर्माने के तौर पर 80 रुपए प्लस जीएसटी चार्ज देना होगा।
NEFT औार RTGS चार्ज: SBI की जिस ब्रांच में आपका खाता है वहां आपको NEFT या RTGS पर कोई चार्ज नहीं देना होता। अन्य शाखाओं से यह काम करने पर आपको चार्ज देना होगा। 10 हजार रुपए तक के NEFT ट्रांजैक्शन पर 2 रुपए और जीएसटी चार्जेबल होगा। इसके अलावा NEFT के जरिए 2 लाख रुपए तक के ट्रांजैक्शन पर 20 रुपए और जीएसटी अतिरिक्त शुल्क के रूप में देय होगा। RTGS के माध्यम से 2 लाख रुपए से लेकर 5 लाख रुपए तक के ट्रांसफर पर ग्राहकों को 20 रुपए और जीएसटी देना होगा। 5 लाख रुपए से अधिक ट्रांसफर करने पर आपको जीएसटी के साथ 40 रुपए चार्ज देना होगा।
रेप रेट से जुड़े LOAN : SBI ने एमएसएमई (MSME), हाउसिंग (Housing) और रिटेल लोन (Retail Loan) के सभी फ्लोटिंग रेट लोन को एक्सटर्नल बेंचमार्क रेपो रेट (Repo Rate) से जोड़ने का फैसला किया है, जो 1 अक्टूबर 2019 से लागू होगा।