बैंक ने बताया कि न्यूनतम बैलेंस की नई सीमा जनवरी 2018 से प्रभावी हो गई है। अब औसत न्यूनतम बैलेंस की गणना भी मासिक की जगह तिमाही आधार पर की जाईगी। पहले न्यूनतम बैलेंस नहीं रखने पर शहरी इलाकों में जहां 30 से 50 रुपए और अर्धशहरी तथा ग्रामीण इलाकों में 20 से 40 रुपए मासिक शुल्क लगता था वहीं अब ये शुल्क तिमाही लगेंगे। इस प्रकार शुल्क भी एक तिहाई कर दिया गया है। शुल्क पर वस्तु एवं सेवा कर अलग से देय होगा।