सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत ने विधेयक पर हुई चर्चा का उत्तर देते हुए कहा कि मोदी सरकार गरीबों और दलित वर्गों के हितों के प्रति समर्पित है। इस सरकार ने इन वर्गों के हितों का संरक्षण किया है। उन्होंने कहा कि विधेयक में अनुसूचित जाति एवं जनजातियों पर अत्याचार के मामलों में जल्दी सुनवाई के लिए विशेष अदालतों के गठन का प्रावधान किया गया है।
बिल पर चर्चा के दौरान सैलजा ने कहा कि हाल के वर्षों में दलितों के विरुद्ध अपराध में वृद्धि हुई है और भाजपा शासित राज्यों में इस तरह की अधिक घटनाएं हो रही हैं। उन्होंने सरकार पर दलित हितैषी होने पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस विधेयक को सही मंशा से लाया गया है। इसको संविधान की नौंवी सूची में शामिल किया जाना चाहिए था ताकि कोई इसको चुनौती नहीं दे सकता।
चर्चा में अन्नाद्रमुक की विजिला सत्यनाथ, तृणमूल कांग्रेस के अबीर रंजन बिस्वास और बीजू जनता दल की सरोजनी हेमब्रम, जदयू के रामचंद्र प्रसाद सिंह, माकपा के सोम प्रसाद, राजद के मनोज कुमार झा, बहुजन समाज पार्टी के राजाराम, शिवसेना के संजय राउत और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के डी राजा ने भी भाग लिया।