वित्तमंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को बताया कि वर्ष 2017-18 के बजट में इस तरह का कानून बनाए जाने का उल्लेख किया गया था। उन्होंने कहा कि भगोड़ा आर्थिक अपराधी विधेयक, 2018 को मंजूरी दी गई है। बजट सत्र के 5 मार्च से शुरू हो रहे दूसरे चरण में इस विधेयक को संसद में पेश किया जाएगा। उन्होंने एक सवाल के जबाव में कहा कि कोई भी राजनीतिक दल इस तरह के अपराधियों के साथ सहानुभूति नहीं जताना चाहेगा।
वित्तमंत्री ने कहा कि इस तरह के मामले में अदालत से गिरफ्तारी वारंट जारी होने पर अपराधी को भगोड़ा माना जाएगा और उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। इस विधेयक में इस तरह के अपराधियों की बेनामी सहित सभी संपत्ति जब्त करने का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही विदेशों की संपत्ति भी जब्त करने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस कानून के तहत दूसरे देशों के साथ काम किया जाएगा। इसके साथ ही अपराधी देश में सिविल दावा नहीं कर सकेगा।
उल्लेखनीय है कि शराब उद्यमी विजय माल्या के बैंकों का नौ हजार करोड़ रुपए से अधिक का बकाया लेकर फरार होने के बाद इस तरह के कानून की आवश्यकता महसूस की जा रही थी। हाल ही में पंजाब नेशनल बैंक में करीब 13 हजार करोड़ रुपए का फर्जीवाड़ा कर अरबपति आभूषण डिजाइनर नीरव मोदी और हीरा कारोबारी मेहुल चौकसी देश से फरार हो चुके हैं। (वार्ता)