उसने आरोप लगाया कि अदालत ने समिति को केवल रिहायशी इलाकों में वाणिज्यिक गतिविधियां देखने का ही आदेश दिया है, जबकि समिति ने पूरी दिल्ली को अपने अधिकार क्षेत्र में शामिल कर लिया है। प्रतिनिधिमंडल ने केंद्र सरकार द्वारा इस मुद्दे पर एक अध्यादेश लाकर सीलिंग पर रोक लगाने पर जोर देते हुए कहा कि जिस तरह बेहद अलोकतांत्रिक तरीके से सीलिंग की जा रही है और व्यापारियों को उनके नगर निगम कानून में मिले मूल अधिकारों से वंचित रखा जा रहा है।
ऐसी स्थिति में केंद्र सरकार का हस्तक्षेप करना ही उचित है और अध्यादेश द्वारा दिल्ली के व्यापार और व्यापारियों को सीलिंग से बचाया जाना आवश्यक है। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कैट प्रतिनिधिमंडल की बातों को बेहद ध्यानपूर्वक सुना और कहा कि वे स्वयं इस मुद्दे को लेकर बेहद चिंतित है और सरकार दिल्ली के व्यापारियों को सीलिंग से राहत देने के लिए अनेक कदम उठा रही है। (वार्ता)