हालांकि, उन्होंने कहा कि यह अभी अनिश्चित है कि आपूर्ति श्रृंखला पूरी तरह से कब शुरू हो जाएगी। मांग की स्थिति सामान्य होने में कितना समय लगेगा और यह महामारी हमारी संभावित वृद्धि पर कितने लंबे समय तक प्रभाव छोड़ती है, यह देखने की बात है।
रिजर्व बैंक गवर्नर यहां 7वें एसबीआई बैंकिंग एंड इकॉनॉमिक्स कॉन्क्लेव को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक के लिए विकास पहली प्राथमिकता है लेकिन इसके साथ ही वित्तीय स्थिरता भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि प्रतिबंधों में ढील के बाद से भारतीय अर्थव्यवस्था के सामान्य स्थिति की तरफ लौटाने के संकेत दिखाई देने लगे हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार ने लक्ष्य विशेष से संबंधित और व्यापक स्तर के सुधार के तमाम उपायों की पहले ही घोषणा कर दी है, इनसे देश की संभावित वृद्धि को मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि मौद्रिक, वित्तीय, नियामकीय और ढांचागत सुधारों के क्षेत्र में जो भी उपाय किए गए हैं, उनसे निकट भविष्य में कम से कम व्यावधान के साथ अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार लाने में जरूरी परिस्थितियां बनाने में मदद मिलेगी।
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि इस समय की जरूरत विश्वास बहाल करने, वित्तीय स्थिरता को बनाए रखने, आर्थिक वृद्धि को फिर से पाने और मजबूती के साथ आगे बढ़ने की है। (भाषा)