मलिक ने कहा कि कोर कमेटी का विचार था कि महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन समाप्त होना चाहिए और राज्य में एक वैकल्पिक सरकार का गठन किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री पद के बंटवारे को लेकर भाजपा और शिवसेना के बीच चली खींचतान के बाद राकांपा, शिवसेना के साथ संभावित गठबंधन के लिए अपनी सहयोगी कांग्रेस के साथ बात कर रही है।
मलिक ने कहा, हमने राज्य की मौजूदा राजनीतिक स्थिति पर चर्चा की और हम इस नतीजे पर पहुंचे कि राष्ट्रपति शासन समाप्त होना चाहिए और एक वैकल्पिक सरकार का गठन किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, शरद पवार और सोनिया गांधी सोमवार को मुलाकात करेंगे और महाराष्ट्र में वैकल्पिक सरकार के गठन की संभावना पर चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा, मंगलवार को राकांपा और कांग्रेस के (अन्य) नेता मुलाकात करेंगे और भविष्य की रणनीति पर विचार-विमर्श करेंगे।
2 घंटे से अधिक समय तक चली राकांपा की कोर कमेटी की बैठक में जयंत पाटिल, दिलीप वाल्से पाटिल, छगन भुजबल, अजित पवार, सुप्रिया सुले, सुनील तटकरे, धनंजय मुंडे और अन्य ने भाग लिया। इस बीच, कांग्रेस के नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि हम यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या शिवसेना, कांग्रेस और राकांपा एक साथ आ सकते हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, शिवसेना और कांग्रेस के नेताओं के बीच कल एक बैठक होगी। हम पता लगाएंगे कि हम आगे बढ़ सकते हैं या नहीं। किसी भी पार्टी या गठबंधन के सरकार बनाने का दावा पेश नहीं करने के बाद महाराष्ट्र में 12 नवंबर को राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया था।