शशि थरूर भी जुड़े ‘जी 23’ से, सलमान खुर्शीद ने साधा सिब्बल पर निशाना

गुरुवार, 17 मार्च 2022 (00:39 IST)
नई दिल्ली। कांग्रेस के ‘जी 23’ समूह के नेताओं ने बुधवार को राज्यसभा में पूर्व नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद के आवास पर बैठक की। बैठक में कपिल सिब्बल, आनंद शर्मा, मनीष तिवारी, शशि थरूर, मणिशंकर समेत कई अन्य नेता भी शामिल हुए। 
 
बैठक के बाद ‘जी 23’ नेताओं की ओर से जारी बयान में कांग्रेस आलाकमान से अपील की गई कि वह समान विचारों वाले दलों से बात करे ताकि भाजपा के खिलाफ एक विकल्प तैयार हो सके। इन नेताओं ने कहा कि हम सभी सदस्य हालिया विधानसभा चुनावों में पार्टी के प्रदर्शन और नेताओं के पार्टी छोड़ने से काफी हतोत्साहित हैं। 
 
सलमान ने साधा निशाना : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने बुधवार को गांधी परिवार के नेतृत्व की आलोचना करने के लिए अपने पार्टी सहयोगी कपिल सिब्बल पर पलटवार करते हुए उनसे पूछा कि उन्होंने (कपिल सिब्बल) पार्टी में किसी भी पद के लिए चुनाव कब लड़ा था।
संगठन से इतना कुछ मिलने के बावजूद शिकायत करने को 'थोड़ा दुखद' बताते हुए खुर्शीद ने सिब्बल सहित ‘ग्रुप ऑफ 23’ के हस्ताक्षरकर्ताओं पर भी निशाना साधा, जिन्होंने 2020 में सोनिया गांधी को एक पत्र लिखकर पार्टी में व्यापक बदलाव की मांग की थी।
 
खुर्शीद ने कहा कि गांधी परिवार पार्टी को एक साथ जोड़े रखने वाला कारक है और संकट की इस घड़ी में नेतृत्व के लिए सबसे अच्छा विकल्प है। इससे पहले सिब्बल ने कहा कि यह गांधी परिवार के लिए नेतृत्व की भूमिका छोड़कर किसी अन्य व्यक्ति को मौका देने का समय है।
 
क्या कहा था सिब्बल ने : सिब्बल ने एक साक्षात्कार में कहा था कि गांधी परिवार को स्वेच्छा से हट जाना चाहिए क्योंकि 'उनके द्वारा नामित एक निकाय उन्हें कभी नहीं कहेगा कि उन्हें सत्ता की बागडोर नहीं संभालनी चाहिए।' सिब्बल की इस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए खुर्शीद ने पूछा कि पार्टी में कोई पद पाने के लिये सिब्बल ने चुनाव कब लड़ा था?
 
खुर्शीद ने ऐसे समय में गांधी परिवार का पुरजोर बचाव किया है, जब कांग्रेस हाल के विधानसभा चुनावों में अपनी चुनावी हार के बाद अस्तित्व के संकट का सामना कर रही है। इन पांच राज्यों में उत्तर प्रदेश भी शामिल है जहां उसे सिर्फ दो सीटों पर जीत मिली और बमुश्किल दो प्रतिशत से थोड़े अधिक मत मिले। खुर्शीद के अनुसार, पार्टी के भीतर लोगों से बात करने के बाद आम धारणा यह है कि वे चाहते हैं कि राहुल गांधी पूर्णकालिक पार्टी अध्यक्ष का पद संभालें।

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