श्रेया ने बताया कि मैं नहीं जानती थी कि मेकअप कैसे करते हैं या रैंप पर कैटवॉक कैसे करते हैं। मैं आम लड़कियों जैसी नहीं हूं लेकिन मुझे लगा कि 'मिस इंडिया' संगठन ने मेरे अंदर कुछ क्षमता देखी। उन्होंने कहा कि क्या तुम खुद पर थोड़ा काम कर सकती हो, थोड़ा और फिट हो सकती हो, अपनी चाल पर काम कर सकती हो, मैं यह कर सकी, क्योंकि मेरा ऐसा व्यक्तित्व था।
उन्होंने कहा कि इसलिए मैंने तय किया कि अपने माता-पिता से बात करूंगी, क्योंकि मैं नहीं चाहती कि 5 साल बाद मुझे इस बात का अफसोस रहे कि मैंने खुद को मौका नहीं दिया। उसके बाद मैंने खुद पर काम शुरू किया। पेशे से वास्तुकार का काम कर रही श्रेया का 'मिस इंडिया' के लिए कोशिश करना, यह बात घर वालों को आसानी से हजम नहीं हुई।
श्रेया ने कहा कि उन्हें लगा कि मैं अब अपना करियर क्यों बदल रही हूं, उन्होंने सोचा कि मैं ग्लैमर की दुनिया में जाना चाहती हूं और मुझे यहां ('मिस इंडिया' प्रतियोगिता में) भेजने को लेकर वे काफी डरे हुए थे। हालांकि जब वे बाद में मेरे साथ सभी ऑडिशंस में आए तब उन्होंने देखा कि यह प्रतियोगिता सिर्फ सौंदर्य के बारे में नहीं है। उन्हें यह महसूस हुआ कि मैं बड़ी हो रही हूं।
उन्होंने कहा कि यह उनके लिए चौंकाने वाला था, क्योंकि घर पर मैं बिलकुल अलग तरह की अंतर्मुखी लड़की रही हूं इसलिए जब उन्हें लगा कि इससे मैं काफी कुछ सीख रही हूं तब उन्हें इसका महत्व समझ में आया। श्रेया अब मिस यूनाइटेड कॉन्टिनेंट्स 2018 में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी। उनका कहना है कि उनका लक्ष्य स्पष्ट है- भारत के लिए बड़ा ताज लाना और ग्लैमर जगत में न जाना।
उन्होंने कहा कि मेरी जिम्मेदारी अब अगले 1 साल तक अंतरराष्ट्रीय ताज जीतने के लक्ष्य पर केंद्रित है। मेरा एक मात्र उद्देश्य बड़ा ताज हासिल करना है। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे 'मिस इंडिया' का ताज मिलेगा इसलिए ग्लैमर जगत में जाने का फैसला कुछ ऐसा होगा जिस पर मुझे अभी विचार करना होगा। फिलहाल मेरा ऐसा कोई इरादा नहीं है। (भाषा)