Hathras stampede case: हाथरस में भगदड़ मामले की जांच कर रही उत्तरप्रदेश सरकार की एसआईटी ने अब तक 90 बयान दर्ज किए हैं। एसआईटी (SIT) प्रमुख अनुपम कुलश्रेष्ठ ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (Agra Zone) कुलश्रेष्ठ 3 सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का नेतृत्व कर रही हैं, जो 2 जुलाई को यहां सत्संग के बाद मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत से संबंधित मामले पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर रहा है।
हाथरस में पीटीआई-भाषा से विशेष बातचीत में एडीजी कुलश्रेष्ठ ने कहा कि अब तक 90 बयान दर्ज किए गए हैं। प्रारंभिक रिपोर्ट सौंप दी गई है जबकि विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जा रही है। पुलिस जांच की स्थिति के बारे में अधिकारी ने कहा कि अधिक साक्ष्य सामने आने के बाद जांच का दायरा बढ़ा दिया गया है।
उन्होंने कहा कि एकत्रित साक्ष्य निश्चित रूप से कार्यक्रम के आयोजकों की ओर से की गईं खामियों का संकेत देते हैं। मामले में जांच जारी रहने के बीच वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ने जोर देकर कहा कि घटना में 'षड्यंत्र के पहलू' से इनकार नहीं किया जा सकता।
कुलश्रेष्ठ ने कहा कि दोषी लोगों पर निश्चित रूप से कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि हाथरस पुलिस ने गुरुवार को 6 स्वयंसेवकों (सत्संग आयोजन समिति के सदस्यों) को गिरफ्तार किया और जल्द ही और गिरफ्तारियां होने की संभावना है।
एडीजी ने बताया कि मामले में जिन अन्य संदिग्धों की भूमिका की जांच की जा रही है, उनसे भी पूछताछ की जा रही है। उन्होंने कहा कि मुख्य आरोपी (देवप्रकाश मधुकर) की तलाश जारी है। इस बीच लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भगदड़ की घटना पर एसआईटी की प्रारंभिक रिपोर्ट से अवगत कराया गया है।
यह रिपोर्ट एडीजी आगरा जोन ने पेश की है, जो 2 जुलाई को हाथरस में भगदड़ के बाद बचाव एवं राहत उपायों की देखरेख के लिए हाथरस का दौरा करने वाले शीर्ष अधिकारियों में शामिल थे। गोपनीय रिपोर्ट में हाथरस के जिला मजिस्ट्रेट आशीष कुमार, पुलिस अधीक्षक निपुण अग्रवाल और स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के बयान शामिल हैं, जिन्होंने भगदड़ के कारण उत्पन्न आपातकालीन स्थिति का जायजा लिया था।(भाषा)