उन्होंने कहा कि हमारे देश ने संकल्प किया है कि 2022, जब आज़ादी के 75 साल होंगे तब या हो सके तो उससे पहले, आज़ादी के 75 साल मनाएंगे तब, मां भारत की कोई संतान चाहे बेटा हो या बेटी, कोई भी हो सकता है। वे अंतरिक्ष में जाएंगे। हाथ में तिरंगा झंडा लेकर के जाएंगे। उन्होंने कहा कि भारत अंतरिक्ष में अपना स्वदेशी 'गगन यान' भेजेगा जिसमें भारत का कोई बेटा या बेटी सवार होगा।
इसके साथ ही भारत यह कामयाबी हासिल करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा। उल्लेखनीय है कि इससे पहले अमेरिका , रूस और चीन अंतरिक्ष में मानवीय मिशन भेज चुके हैं। अंतरिक्ष के क्षेत्र में उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वैज्ञानिकों ने एक साथ 100 से अधिक उपग्रह आसमान में छोड़ करके दुनिया को चकित कर दिया था।
उन्होंने कहा कि ये सामर्थ्य हमारे वैज्ञानिकों का है। हमारे वैज्ञानिकों का पुरुषार्थ था - मंगलयान की सफलता पहले ही प्रयास में। मंगलयान ने मंगल की कक्षा में प्रवेश किया, वहां तक पहुंचे, ये अपने-आप हमारे वैज्ञानिकों की सिद्धि थी। मोदी ने कहा कि आने वाले कुछ ही दिनों में वैज्ञानिकों के आधार, कल्पना और सोच के बल पर 'नाविक' का प्रक्षेपण करने जा रहे हैं। इससे देश के मछुआरों को, देश के सामान्य नागरिकों को नाविक के दिशा दर्शन का बहुत बड़ा काम होगा। (वार्ता)