उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री अपनी सरकार के फर्जी कानूनी जानकारों की बात नहीं सुनें, जिन्होंने गलत सलाह दी है और सरकार को इस हालात में पहुंचाया है। वर्मा से मिलने के लिए स्वामी जांच एजेंसी के मुख्यालय आए थे। वर्मा ने बुधवार को अपना कार्यभार संभाला था। स्वामी ने कहा कि सीवीसी (केंद्रीय सतर्कता आयोग) की रिपोर्ट एक अन्य अधिकारी के दृष्टिकोण पर आधारित है, जिसने ‘गलत रिपोर्ट’ दी है।
स्वामी ने कहा कि इसकी जांच होनी चाहिए। मुझे नहीं लगता है कि यह (वर्मा को हटाया जाना) हो सकता है। अगर वर्मा को हटाया जाएगा तो समस्या सुलझने की बजाय और बदतर हो जाएगी। मैं चाहूंगा कि प्रधानमंत्री ऐसे कदम उठाएं जो इतिहास बने। हालांकि, स्वामी ने कहा कि वह इस मुद्दे के संबंध में जांच एजेंसी के कार्यालय नहीं आए थे।
सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा ने 77 दिन बाद अपना कार्यभार बुधवार को संभाल लिया। वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के बीच की लड़ाई सार्वजनिक होने के बाद केन्द्र सरकार ने 23 अक्टूबर 2018 को देर रात आदेश जारी कर वर्मा के अधिकार वापस लेकर उन्हें जबरन छुट्टी पर भेज दिया था। आदेश को मंगलवार को उच्चतम न्यायालय ने रद्द कर दिया था जिसके बाद वर्मा ने कार्यभार संभाल लिया।