चांदी की ट्रेन, अद्वितीय झूमर और 400 कमरों वाला ऐसा है 4 हजार करोड़ की कीमत का सिंधिया राजघराने का पैलेस

गुरुवार, 20 अक्टूबर 2022 (13:45 IST)
उज्‍जैन में पीएम मोदी के साथ नजदीकी और अब हाल ही में अमित शाह का ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया के पैलेस जाना। यह दृश्‍य मध्‍यप्रदेश की राजनीति में फेरबदल के संकेत दे रहे हैं। भविष्‍य में क्‍या होगा ये कहना तो मुश्‍किल है, लेकिन फिलहाल ग्‍वालियर के राजघराने और ज्योतिरादित्य सिंधिया के पैलेस की सोशल मीडिया में जमकर चर्चा हो रही है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के पैलेस के अंदर के जब फोटो वायरल हुए तो सिंधिया के पैलेस की भी चर्चा होने लगी। आइए जानते हैं, आखिर क्‍यों इतना खास है ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया का यह पैलेस और क्‍यों हो रही है इसकी इतनी चर्चा।

इन दिनों दिवाली के मौके पर ग्वालियर के जय विलास पैलेस को दुल्हन की तरह सजाया गया है। जयविलास महल भव्यता और सुंदरता का अद्वतीय उदाहरण हैं। इस महल के एक हिस्‍से में सिंधिया राजघराने के खानदान का इतिहास देखने को मिलेगा तो इसके दूसरे हिस्‍से में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी रहते। महल का एक हिस्‍सा भव्य संग्रहालय के रूप में है।

कब हुआ था तैयार?
सिंधिया पैलेस न सिर्फ सिंधिया राजपरिवार की शान का एक प्रतीक है बल्‍कि यह एक ऐतिहासिक धरोहर भी है। इस बेहद सुंदर महल को साल 1874 में ग्वालियर रियासत के महाराज जिवाजीराव सिंधिया ने बनवाया था। जिवाजीराव सिंधिया इस रियासत के अंतिम महाराज थे और ज्योतिरादित्य सिंधिया के दादा जी थे। सिंधिया पैलेस करीब 124,771 स्‍क्‍ेवेयर फीट में फैला हुआ है और इसकी कीमत करीब 4 हजार करोड़ की आंकी जाती है।

झूमर और चांदी की रेल
इस महल में दो चीजें बेहद लोकप्रिय हैं। एक है महल में लगा झूमर और दूसरा चांदी की रेल। इस विशाल महल के 35 भव्य कमरों को म्यूजियम में बदला गया था। म्‍यूजियम को 1964 में आम लोगों के लिए खोला गया था और तब से ही यहां रोजाना हजारो पर्यटकों की भीड़ आती है। इसका निर्माण सर माइकल फिलोसे ने किया था। इसकी दीवारों पर सोने की बग्घियों की नक्काशी है। इसका झूमर बेहद मशहूर है जबकि चांदी की रेल की भी बहुत चर्चा होती जो महल के डायनिंग हॉल में चलती है।

क्‍या है जय विलास महल की खासियत
दरअसल, महल में दो तरह के झूमर हैं, जो कि यहां के दरबार हाल में लगे हैं, जिनका वजन करीब 3500 किलो बताया जाता है। वहीं, चांदी की रेल यहां की डाइनिंग टेबल पर बनी पटरियों पर चलती है और खाना परोसने का काम करती है। डायनिंग टेबल भी विशाल है। इस म्यूजियम में सिंधिया खानदान की बेशकिमती चीजें हैं। उनकी लग्जरी गाड़ियां, कपड़े, तलवार, बग्घी सबकुछ अद्वतीय और आकर्षक हैं। इस महल में 400 कमरे हैं। महल में ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता माधवराज सिंधिया का भी एक रूम है, जो कि उन्हीं के नाम से संरक्षित हैं, जहां उनके जीवन से जुड़ी तस्वीरें और उनके पसंद की पेटिंग्स और शो-पीस मौजूद है। इस महल की मौजूदा कीमत करीब 4000 करोड़ के आसपास आंकी जाती है। इस म्यूजियम की ट्रस्टी ज्योतिरादित्य सिंधिया की पत्नी प्रियदर्शनी राजे सिंधिया हैं। ज्‍योतिरादित्‍य जहां राजनीति में हैं, वहीं उनकी पत्‍नी प्रियदर्शनी सोशलवर्क में सक्रिय हैं।

अब तक कौन कौन रह चुके हैं मेहमान?
इस महल को देखना एक ऐतिहासिक अनुभव माना जाता है। हाल ही में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने यहां विजिट किया। इसके पहले कई राजनेता, बडे लोग और विदेशी शख्‍सियत यहां आ चुकी हैं। भारत के जवाहर लाल नेहरू, राहुल गांधी और विश्वकप विजेता कप्‍तान कपिल देव भी यहां आ चुके हैं।
Written & Edited: By Navin Rangiyal

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