उन्होंने कहा कि मिसाइल की मारक क्षमता 290 किलोमीटर के करीब है और यह भारत के लिए रणनीतिक हथियार है, क्योंकि चीन और पाकिस्तान से मिलने वाली चुनौतियों के लिए संभावित प्रतिरोधक के तौर पर काम करेगी। डीआरडीओ और ब्रह्मोस के वरिष्ठ रक्षा अधिकारी और वैज्ञानिक इस परीक्षण के मौके पर मौजूद थे।