नई दिल्ली। देश के 11.49 करोड़ परिवारों को अब नल से जल कनेक्शन उपलब्ध है और 1.53 लाख गांवों में पेयजल की आपूर्ति की जा रही है। सरकारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। जल जीवन मिशन के आंकड़ों के अनुसार, स्कूलों, आंगनवाड़ी केंद्रों और आकांक्षी जिलों में पाइप से जलापूर्ति करने की मात्रा में भारी वृद्धि दर्ज की गई।
इसके अनुसार, सरकार ने 31 मार्च (2022-23) को समाप्त होने वाले चालू वित्त वर्ष में इस उद्देश्य के लिए 70 हजार करोड़ रुपए आवंटित किए थे। यह वर्ष 2018-19 में आवंटित 5,500 करोड़ रुपए की राशि के 12 गुणा से भी अधिक है।
ये आंकड़े ऐसे समय में आए हैं, जब एक दिन पहले ही विश्व जल दिवस मनाया गया है और संयुक्त राष्ट्र विश्व जल विकास रिपोर्ट 2023 में कहा गया है कि दुनिया की 26 प्रतिशत आबादी की सुरक्षित पेयजल तक पहुंच नहीं है जबकि 46 प्रतिशत बुनियादी स्वच्छता की कमी का सामना कर रहे हैं।
सरकार जल संरक्षण एवं भूजल स्तर को बढ़ाने के लिए जल जीवन मिशन, अटल भूजल योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, नमामि गंगे योजना जैसे कार्यक्रमों को लागू कर रही है।
आंकड़ों के अनुसार, जल जीवन मिशन के तहत प्रत्येक ग्रामीण परिवार को वर्ष 2024 तक प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 55 लीटर नल से पेयजल आपूर्ति करने की व्यवस्था करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके तहत 21 मार्च तक 11.49 करोड़ परिवारों को नल से जल कनेक्शन प्रदान किए गए हैं और 1.53 लाख गांव को हर घर जल प्रदान किया गया है।
अटल भूजल योजना को सात राज्यों में 6,000 करोड़ रुपए की लागत से पानी की कमी वाले 80 जिलों में 8,220 ग्राम पंचायतों में लागू किया जा रहा है। नमामि गंगे योजना के तहत गंगा नदी की निर्मलता के लिए 32,912.40 करोड़ रुपए की लागत से 409 परियोजनाओं को लिया गया है जिसमें 232 जलमल परियोजनाएं पूरी होने के बाद परिचालित हो गई हैं।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)