नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को भारत चरण-4 (BS-4) उत्सर्जन मानकों वाले वाहनों के पंजीकरण पर रोक लगा दी है। न्यायालय ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि लॉकडाउन की अवधि के दौरान बिके बीएस-4 वाहनों पर फैसले तक इनके पंजीकरण पर रोक रहेगी।
इससे पहले शीर्ष अदालत ने अपने आदेश के उल्लंघन पर वाहन डीलर संघ से नाराजगी जताई। न्यायालय ने कहा कि ऐसे वाहन लॉकडाउन के दौरान मार्च के आखिरी सप्ताह और 31 मार्च के बाद भी बेचे गए।
न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अगुवाई वाली पीठ ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस से संक्षिप्त सुनवाई के दौरान स्पष्ट किया कि इस मुद्दे पर फैसले तक बीएस-4 वाहनों के पंजीकरण पर रोक रहेगी। पीठ में न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी भी शामिल हैं।
इससे पहले न्यायालय ने आठ जुलाई को 27 मार्च के अपने उस आदेश को वापस ले लिया था जिसमें कोविड-19 की वजह से लागू लॉकडाउन के हटने के बाद दिल्ली-एनसीआर को छोड़कर देश के अन्य हिस्सों में 10 दिन के लिए बीएस-4 वाहनों की बिक्री की अनुमति दी गई थी। बाद में इस राहत को वापस ले लिया गया था।
न्यायालय ने डीलरों को यह राहत इस तथ्य को ध्यान में रखकर दी थी कि मार्च, 2020 के बाद देश में इन वाहनों की बिक्री नहीं हो सकती।
पीठ ने वाहन डीलर संघ को निर्देश दिया है कि वह मार्च के आखिरी सप्ताह में ऑनलाइन या प्रत्यक्ष तरीके से बेचे गए वाहनों का ब्योरा पेश करे। पीठ ने कहा कि वह लॉकडाउन की अवधि में बेचे गए और पंजीकृत हुए बीएस-4 वाहनों के ब्योरे की जांच करना चाहती है।
पीठ ने डीलर संघ की ओर से पेश अधिवक्ता से कहा कि आप गंभीर संकट में हैं। हम किसी के ऊपर अभियोजन की कार्रवाई करेंगे।
पीठ ने विशेषरूप से 29, 30 और 31 मार्च को ऐसे वाहनों की बिक्री में वृद्धि का उल्लेख करते हुए कहा कि हम इन लोगों के खिलाफ उचित कार्रवाई करेंगे। इस मामले पर अगली सुनवाई अब 13 अगस्त को होगी।
इससे पहले 24 जुलाई को न्यायालय ने वाहन डीलरों के मौखिक आग्रह पर आपत्ति जताई थी जिसमें उन्होंने कहा था कि बीएस-4 वाहनों को विनिर्माता कंपनियों को लौटाने की अनुमति दी जाए, जिससे इनका निर्यात अन्य देशों को किया जा सके। डीलरों ने कहा था कि कुछ देशों में अब भी बीएस-4 वाहनों की बिक्री की अनुमति है। (भाषा)