सुप्रीम कोर्ट ने दी गोधरा ट्रेन कांड के दोषी को जमानत, आगजनी में 59 यात्रियों की हुई थी मौत

गुरुवार, 15 दिसंबर 2022 (14:52 IST)
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने वर्ष 2002 में गोधरा में ट्रेन कोच को जलाने के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे एक दोषी को गुरुवार को यह कहते हुए जमानत दे दी कि वह पिछले 17 वर्षों से जेल में है। 27 फरवरी 2002 को गुजरात के गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन के एस-6 कोच में आग लगा दी गई थी जिससे 59 यात्रियों की मौत हो गई थी।
 
प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की पीठ ने दोषी फारुक की तरफ से पेश वकील की इस दलील को स्वीकार कर लिया कि जेल में अब तक बिताई गई अवधि को ध्यान में रखते हुए उसे (फारुक को) जमानत दी जानी चाहिए। शीर्ष अदालत में मामले के कई दोषियों की दोषसिद्धि के खिलाफ दायर याचिकाएं विचाराधीन हैं।
 
गुजरात सरकार की तरफ से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि यह 'सबसे जघन्य अपराध था' जिसमें महिलाओं और बच्चों समेत 59 लोगों को जिंदा जला दिया गया था और दोषियों की याचिकाओं पर जल्द से जल्द सुनवाई किए जाने की जरूरत है। फारुक समेत कई अन्य लोगों को गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस के कोच पर पथराव करने का दोषी ठहराया गया था।
 
मेहता ने कहा कि आमतौर पर पथराव मामूली प्रकृति का अपराध माना जाता है लेकिन उक्त मामले में ट्रेन के कोच को अलग किया गया था और यह सुनिश्चित करने के लिए उस पर पथराव किया गया था कि यात्री बाहर न आ सकें।
 
उन्होंने आगे कहा कि इसके अलावा दमकलकर्मियों पर भी पत्थर फेंके गए थे। 27 फरवरी 2002 को गुजरात के गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन के एस-6 कोच में आग लगा दी गई थी जिससे 59 यात्रियों की मौत हो गई थी और राज्यभर में सांप्रदायिक दंगे फैल गए थे।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

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