CJI यूयू ललित, जस्टिस एस रवींद्र भट और जस्टिस सुधांशु भट की बेंच ने अपने फैसले में कहा कि याचिकाकर्ता एक महिला है जो 2 महीने से हिरासत में है। जो मामला है वो 2002-2010 के बीच के दस्तावेज का है। जांच मशीनरी को 7 दिनों तक उससे हिरासत में पूछताछ का मौका मिला होगा।