इसके बाद शीर्ष अदालत ने कहा, हमने आरोपी को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है। क्या एसीएमएम हमसे ऊपर है। अवकाशकालीन पीठ ने नाराजगीभरे लहजे में कहा कि क्या एसीएमएम उच्चतम न्यायालय की अपीलीय अदालत है? वकील ने कहा कि एसीएमएम ने अपने 21 मई के आदेश में कहा है कि शीर्ष अदालत ने जमानत की राशि का जिक्र नहीं किया है इसलिए आरोपी को जमानत पर रिहा नहीं किया जा सकता।
गौरतलब है कि 17 मई को न्यायमूर्ति रोहिंगटन एफ नरीमन की पीठ ने धोखाधड़ी एवं आपराधिक साजिश रचने के आरोपी को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था, लेकिन एसीएमएम ने इस पर अमल करने से इन्कार कर दिया था, इसके बाद आरोपी ने फिर से अवकाशकालीन खंड पीठ के समक्ष याचिका दायर की थी। (वार्ता)