बिना शीर्ष अदालत की अनुमति के निजी संपत्ति पर कोई तोड़फोड़ नहीं होगी। अदालत इस मामले में अगली सुनवाई 1 अक्टूबर को करेगी। शीर्ष अदालत ने कहा कि अगर अवैध रूप से तोड़फोड़ का एक भी मामला है, तो यह हमारे संविधान की मूल भावना के विरुद्ध है।
इससे पहले, 2 सितंबर को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने किसी व्यक्ति के घर को केवल इसलिए ध्वस्त करने की वैधता पर सवाल उठाया क्योंकि वह एक आरोपी है। कोर्ट ने कहा था कि किसी का घर केवल इसलिए कैसे ध्वस्त किया जा सकता है क्योंकि वह एक आरोपी है? भले ही वह एक दोषी हो, फिर भी कानून द्वारा निर्धारित प्रक्रिया का पालन किए बिना ऐसा नहीं किया जा सकता है।