मुरुगन ने पिछले साल शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाकर मद्रास हाईकोर्ट के 5 सितंबर, 2023 के आदेश को चुनौती दी थी। मद्रास उच्च न्यायालय ने दिसंबर 2020 में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान मुरुगन के कथित मानहानिकारक बयानों को लेकर चेन्नई स्थित मुरासोली ट्रस्ट द्वारा दायर शिकायत पर उनके खिलाफ कार्यवाही को रद्द करने से इनकार कर दिया था।
यह मामला जब शुक्रवार को न्यायमूर्ति बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति के.वी. विश्वनाथन की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आया तो मुरुगन की ओर से पेश वकील ने कहा कि इस मामले में मानहानि का सवाल ही कहां है? ट्रस्ट की ओर से पेश वकील ने मामले की सुनवाई स्थगित किए जाने का अनुरोध किया। पीठ ने कहा कि राजनीति में आप हर बात दिल पर नहीं ले सकते।