Supreme Court's blow to Mehul Choksi and his wife : फरार कारोबारी मेहुल चोकसी और उसकी पत्नी को झटका देते हुए उच्चतम न्यायालय ने गुजरात पुलिस द्वारा दर्ज धोखाधड़ी का एक मामला बहाल कर दिया है। शीर्ष अदालत ने दोनों के खिलाफ इस मामले में प्राथमिकी रद्द करने के गुजरात उच्च न्यायालय के 2017 के आदेश को दरकिनार कर दिया।
मेहुल चोकसी अपने भतीजे नीरव मोदी के साथ पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाला मामले में भी आरोपी है, जिसमें बैंक से 14,000 करोड़ रुपए से अधिक की कथित तौर पर धोखाधड़ी की गई।
शिकायतकर्ता दिग्विजय सिंह हिम्मत सिंह जडेजा द्वारा 2015 में गुजरात में दर्ज कराई गई प्राथमिकी के अनुसार, चोकसी और उसकी पत्नी पर 30 करोड़ रुपए के 24 कैरेट शुद्ध सोने की बिस्कुट से जुड़े व्यापारिक लेनदेन के संबंध में जालसाजी और धोखाधड़ी करने का आरोप है।
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी की पीठ ने 29 नवंबर के अपने फैसले में उच्च न्यायालय के पांच मई, 2017 के आदेश को दरकिनार कर दिया और पुलिस को अपनी जांच आगे बढ़ाने के लिए कहा। पीठ ने कहा, इस आदेश की टिप्पणियों को मामले के गुण-दोष पर की गई टिप्पणियों के रूप में नहीं समझा जाएगा। फैसले या वर्तमान आदेश में की गई किसी भी टिप्पणी से प्रभावित हुए बिना जांच जारी रहेगी।
इसमें कहा गया है कि जांच करते समय, जांच अधिकारी भारतीय दंड संहिता की धारा 406 (आपराधिक विश्वासघात), धारा 420 (धोखाधड़ी), धारा 464 (जालसाजी) और धारा 465 (जालसाजी के लिए सजा) की व्याख्या करते हुए उच्चतम न्यायालय और विभिन्न उच्च न्यायालयों के फैसलों को ध्यान में रखेगा। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour