Supreme Court's instructions regarding GST collection : उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को केंद्र से कहा कि माल एवं सेवा कर (GST) अधिनियम के तहत कोई भी गिरफ्तारी महज संदेह पर नहीं होनी चाहिए, बल्कि यह ठोस साक्ष्य के आधार पर की जाए और उपयुक्त प्रक्रिया का पालन हो।
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने कहा कि जिन तथ्यों के आधार पर गिरफ्तारी की गई है उन्हें एक मजिस्ट्रेट द्वारा सत्यापित किया जाना चाहिए। केंद्र की ओर से न्यायालय में पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू से पीठ ने कहा, इस अधिनियम के तहत गिरफ्तारी केवल संदेह के आधार पर नहीं की जा सकती, बल्कि उपयुक्त जांच-पड़ताल और कानून के तहत निर्धारित प्रक्रिया के पालन के बाद की जा सकती है।
यह (गिरफ्तारी) ऐसे साक्ष्य पर आधारित होनी चाहिए जो मजिस्ट्रेट द्वारा सत्यापित और आयुक्त द्वारा प्रमाणित किए जाने योग्य हो। एएसजी ने जवाब दिया, हां, कोई भी गिरफ्तारी उपयुक्त तथ्यों के आधार पर हुई। हम बिना ठोस साक्ष्य के किसी को गिरफ्तार नहीं करते।
शीर्ष अदालत 281 याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है, जिनमें दंडात्मक प्रावधानों के दुरुपयोग के आरोपों के बीच सीमा शुल्क अधिनियम, जीएसटी अधिनियम और धन शोधन निवारण अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों को चुनौती दी गई है। सुनवाई 14 मई को जारी रहेगी, जब राजू जीएसटी प्रावधानों पर दलील पेश करेंगे। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour