आम्रपाली बिल्डर्स के तीनों डायरेक्टर पुलिस हिरासत में, जानिए क्या है पूरा मामला...

मंगलवार, 9 अक्टूबर 2018 (16:28 IST)
आम्रपाली समूह के खिलाफ नियमित सुनवाई कर रहे सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को आम्रपाली बिल्डर्स के तीन डायरेक्टर अनिल शर्मा, शिवप्रिय और अजय कुमार को पुलिस बुलाकर पुलिस हिरासत में भेज दिया। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि जब तक सारे दस्तावेज ऑडिटर्स को उपलब्ध नहीं तक तीनों पुलिस कस्टडी में ही रहेंगे। आम्रपाली ग्रुप के अधूरे पड़े प्रोजेक्टस के चलते बड़ी संख्या में निवेशकों का पैसा फंसा हुआ है।
 
क्या है मामला : आम्रपाली ग्रुप पर 40 हजार खरीदारों को वक्त पर घर का पजेशन न दे पाने का आरोप है। जानकारी के मुताबिक आम्रपाली में खरीदारों के 2700 करोड़ रुपए फंसे हैं। आम्रपाली ग्रुप से फ्लैट खरीदने वाले ग्राहकों ने घर मिलने में देरी पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि आम्रपाली ग्रुप ने खरीदारों के 2700 करोड़ रुपए डायवर्ट किए थे।
 
महेन्द्रसिंह धोनी का पैसा भी डूबा : भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी ने आम्रपाली ग्रुप के ब्रांड एम्बेसेडर थे। धोनी कंपनी के लिए 6-7 वर्षों तक विज्ञापन किया था। अप्रैल 2016 में धोनी ने इस कंपनी ने करार तोड़ लिया था। 
 
धोनी ने कंपनी पर आरोप लगाया था कि उसने कई वर्षों से भुगतान नहीं किया। आम्रपाली कंपनी के कई हाउसिंग प्रोजेक्ट्स पूरा न होने पर धोखा खाए पीड़ितों ने दागी कंपनी का प्रचार करने को लेकर उन पर आरोप लगाए थे। खबरों के मुताबिक आम्रपाली ग्रुप पर धोनी के लगभग 200 करोड़ रुपए बकाया हैं। 
कोर्ट को क्यों नहीं सौंपी जानकारी : सुप्रीम कोर्ट आम्रपाली समूह में हुई वित्तीय अनियमितताओं की फॉरेंसिक जांच करा रहा है। इसके लिए बिल्डर को ऑडिटर्स को संबंधित दस्तावेज सौंपने थे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 2015 के बाद अब तक आम्रपाली की 46 कम्पनियों के सभी खातों की डिटेल कोर्ट को क्यों नहीं सौंपी गई। 10 दिन के सभी एकाउंट की बैलेंस शीट सौंपने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने फोरेंसिक ऑडिटर को निर्देश था दिया कि वह 60 दिन के अंदर रिपोर्ट सौंपे कि कितनी रकम का कैसे गबन हुआ है।
 
संपत्ति नीलामी या ब्रिकी का आदेश : सुप्रीम कोर्ट ने DRT (ऋण वसूली ट्राइब्यूनल) को आम्रपाली की 16 संपत्तियों की नीलामी या बिक्री का आदेश दिया था। अनुमान लगाया गया कि संपत्तियों की बिक्री से 1600 करोड़ रुपये इकट्ठा हो सकते हैं। कोर्ट ने कहा था कि वह तय करेगा कि कैसे इस रकम का इस्तेमाल अधूरे प्रोजेक्ट को पूरा करने में होगा। कोर्ट ने आम्रपाली के डायरेक्टरों को सभी संबंधित दस्तावेजों को डीआरटी को जमा कराने को कहा था।
 
एनबीसीसी को सौंपी निर्माण कार्यों को पूरा करने की जिम्मेदारी : सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में (नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन) एनबीसीसी को आम्रपाली के सभी अटके हुए अधूरे हाउसिंग प्रोजेक्ट को पूरा करने की जिम्मेदारी सौंपी थी।

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