अपने पत्र में उन्होंने लिखा कि भारत सरकार द्वारा मुझे पद्मश्री पुरस्कार दिए जाने का मैं बहुत आभारी हूं, लेकिन मैं पूरे सम्मान के साथ आपको और सरकार को यह कहना चाहता हूं कि मैं इस पुरस्कार को लेने का इच्छुक नहीं हूं। एक संन्यासी हूं मेरी पुरस्कारों में कोई रुचि नहीं है। मैं आशा करता हूं कि आप मेरे इस निर्णय को सहर्ष स्वीकार करेंगे।
इससे पहले स्वामी सिद्धेश्वर ने राज्य सभा सदस्य बासवराज पाटिल सेदाम को लिखे पत्र में कहा कि आध्यात्मिक व्यक्ति होने के नाते मेरी किसी सम्मान या पुरस्कार में रुचि नहीं है। मैंने पूर्व में भी कोई पुरस्कार स्वीकार नहीं किया है। कर्नाटक विश्वविद्यालय ने कुछ वर्ष पूर्व मुझे मानद उपाधि प्रदान की थी। उसे मैंने सम्मान के साथ लौटा दिया था। (वार्ता)