पुलवामा में जवानों पर आतंकी अटैक के बाद देशभर में आतंकियों के खिलाफ गुस्सा था और पुलवामा का बदला भारतीय वायुसेना ने जैश के ठिकानों को तबाह करते हुए ले लिया। भारतीय वायुसेना ने बालाकोट, चकोठी और मुजफ्फराबाद में आतंकियों के प्रशिक्षण कैंपों पर हमले कर उन्हें तबाह कर दिया। इसमें जैश-ए-मोहम्मद के कई टॉप कमांडर ढेर हुए हैं। इन्हीं में जैश के मुखिया मसूद अजहर का करीबी रिश्तेदार अजहर यूसुफ भी था, जो इस सर्जिकल स्ट्राइक-2 का मुख्य लक्ष्य था।
आतंकी कैंपों में देता था ट्रेनिंग : भारत की स्ट्राइक-2 में जैश-ए-मोहम्मद के चीफ मौलाना मसूद अजहर का साला मौलाना अजहर युसूफ उर्फ उस्ताद गौरी उर्फ मोहम्मद सलीम भी मारा गया। मौलाना यूसुफ के बारे में कहा जाता है कि वह आतंकियों की फैक्टरी चलाता था। पाक अधिकृत कश्मीर में कई ट्रेनिंग कैंप थे, जहां वह फिदाइनों को तैयार करता था और कश्मीर के रास्ते उन्हें भारत में भेजकर आतंकी हमले करवाता था।
विमान अपहरण का मुख्य साजिशकर्ता : अजहर 1999 में भारतीय विमान आईसी 814 के हाइजैक का मास्टरमाइंड था। अजहर के खिलाफ भारत में अपहरण और हत्या के कई मामले दर्ज हैं। वर्ष 2002 में भारत सरकार ने पाकिस्तान को 20 भगोड़े आतंकियों की सूची सौंपी थी। इस सूची में यूसुफ अजहर का भी नाम था। उड़ान संख्या 814 में सवार 154 बंधक यात्रियों की रिहाई के बदले भाजपा के नेतृत्व वाली तत्कालीन राजग सरकार ने 31 दिसंबर 1999 को मसूद अजहर और खतरनाक आतंकियों मुश्ताक अहमद जरगर और अहमद उमर सैयद शेख को रिहा किया गया था।
भारतीय विदेश सचिव के अनुसार इंडियन एयरलाइंस के विमान को 24 दिसंबर 1999 को काठमांडू से दक्षिणी अफगानिस्तान के कांधार अपहृत कर ले जाने के सात आरोपियों - यूसुफ अजहर, इब्राहिम अतहर, सन्नी अहमद काजी, जहूर इब्राहिम, शाहिद अख्तर, सैयद शाकिर और अब्दुल- के खिलाफ सीबीआई के अनुरोध पर रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया था।