Weather Forecast: मौसम के बदलते मिजाज के कारण राजधानी दिल्ली सहित देश के कई हिस्सों में गर्मी में भी सुहावना मौसम का लोग लुत्फ उठा रहे हैं। बीच-बीच में होने वाली बारिश (Rain) और बूंदाबादी ने लगातार लोगों को गर्मी के तपिश से बचाया है। इस बीच लोगों को मानसून (Monsoon Update) का बेसब्री से इंतजार है। लेकिन भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) का लेटेस्ट अपडेट लोगों को परेशानी हो सकती है। IMD के अनुसार 8 से 11 जून के बीच तापमान बढ़ने की संभावना है।
मौसम विभाग ने पहले ही बताया था कि बिहार में 7 से 11 जून, पश्चिम बंगाल और ओडिशा में 7 से 10 जून के बीच हीटवेव जारी रहेगी। 7 जून से 11 जून के बीच, तमिलनाडु, पुडुचेरी, कराईकल, रायलसीमा, तेलंगाना, झारखंड और तटीय आंध्र प्रदेश सहित क्षेत्रों में लू जारी रहने की उम्मीद है। इस बीच विभाग ने कहा है कि अगले 48 घंटों में केरल में दक्षिण-पश्चिम मानसून की शुरुआत के लिए स्थितियां अनुकूल हो रही हैं।
पूर्वी मध्य और इससे सटे दक्षिण-पूर्व अरब सागर के ऊपर चक्रवाती तूफान बिपरजोय धीरे-धीरे उत्तर दिशा में आगे बढ़ रहा है। यह गंभीर चक्रवाती तूफान में तब्दील हो गया है। 7 जून को 5.30 बजे यह अक्षांश 12.6 उत्तर और 66.1 देशांतर पूर्व के पास था।
गोवा से लगभग 890 किमी पश्चिम-दक्षिण पश्चिम, मुंबई से 1,000 किमी दक्षिण-पश्चिम और पोरबंदर से 1,070 किमी दक्षिण-पश्चिम में था। इसके अगले 24 घंटों के दौरान उत्तर की ओर बढ़ने और एक बहुत गंभीर चक्रवात में बदलने की उम्मीद है। इसके बाद यह उत्तर-उत्तर पश्चिम दिशा में आगे बढ़ेगा।
पश्चिमी विक्षोभ जम्मू-कश्मीर और उससे जुड़ने वाले क्षेत्रों पर बना हुआ है। एक प्रेरित चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र मध्य पाकिस्तान और पंजाब पर बना हुआ है। एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र दक्षिण छत्तीसगढ़ पर बना हुआ है। एक ट्रफ पूर्वी बिहार से पूर्वोत्तर मध्यप्रदेश, विदर्भ और तेलंगाना होते हुए उत्तर आंतरिक कर्नाटक तक जा रही है। एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र म्यांमार तट के पास बंगाल की पूर्वी मध्य खाड़ी के ऊपर बना हुआ है।
आज के मौसम की संभावित गतिविधि : स्काईमेट के अनुसार आज गुरुवार को गंभीर चक्रवात बिपारजॉय अगले 24 घंटों में अति भीषण चक्रवाती तूफान में तब्दील हो जाएगा। यह कुछ समय के लिए उत्तर दिशा में आगे बढ़ना जारी रखेगा और फिर उत्तर-उत्तर पश्चिम की दिशा में मुड़ जाएगा।
आज गुरुवार को लक्षद्वीप, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और केरल में हल्की से मध्यम बारिश संभव है। तमिलनाडु में हल्की से मध्यम बारिश के साथ एक या दो भारी बारिश हो सकती है। रायलसीमा, कर्नाटक और पश्चिमी हिमालय में हल्की से मध्यम बारिश संभव है। राजस्थान में धूलभरी आंधी की गतिविधियों के साथ हल्की बारिश हो सकती है। दक्षिण महाराष्ट्र, तेलंगाना, तटीय आंध्रप्रदेश, असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, हरियाणा, उत्तरी पंजाब और सिक्किम में हल्की बारिश संभव है।
दिल्ली में 4-5 दिनों तक लू चलने की आशंका नहीं : दिल्ली के अधिकतम तापमान में धीरे-धीरे वृद्धि होने का अनुमान है, लेकिन अगले 4 से 5 दिन तक लू की आशंका नहीं है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने यह जानकारी दी। राष्ट्रीय राजधानी के प्रमुख मौसम केंद्र सफदरजंग वेधशाला ने बुधवार को न्यूनतम तापमान सामान्य से 2 डिग्री कम 25.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया जबकि अधिकतम तापमान 38.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 2 डिग्री कम है।
एक के बाद एक पश्चिमी विक्षोभ के कारण कुछ-कुछ समय के अंतराल पर बारिश होने से दिल्ली में जून महीने की शुरुआत में उतनी गर्मी नहीं रही है जितनी होती है। इस महीने में अधिकतम तापमान अब तक 40 डिग्री के नीचे ही रहा है।
आईएमडी के अनुसार सफदरजंग वेधशाला ने इस साल अब तक लू की स्थिति दर्ज नहीं की है और ऐसा 2014 के बाद पहली बार हुआ है। मौसम विज्ञानियों ने इस मानसून-पूर्व मौसम (मार्च से मई) में अधिक वर्षा और सामान्य से कम तापमान के लिए सामान्य से अधिक पश्चिमी विक्षोभ को जिम्मेदार ठहराया है। यह मौसम प्रणाली भूमध्यसागरीय क्षेत्र में उत्पन्न होती है और उत्तर-पश्चिम भारत में इससे बेमौसम बारिश होती है। हालांकि इसका मतलब यह नहीं है कि आगे लू नहीं चलेगी।
केरल में मानसून की शुरुआत में पहले ही देरी हो चुकी है और मौसम विज्ञानियों ने चक्रवात बिपारजॉय के कारण दक्षिणी प्रायद्वीप से आगे मानसून में धीमी प्रगति की आशंका जताई है और राष्ट्रीय राजधानी सहित देश के कई हिस्सों में तापमान सामान्य से ऊपर रहने की संभावना है।
आईएमडी ने पिछले महीने उत्तर-पश्चिम भारत में सामान्य या सामान्य से कम मानसून का अनुमान जताया था जिसका अर्थ है अधिक शुष्क और गर्म दिन। आईएमडी के अनुसार दिल्ली में 36 साल में मई का महीना पहली बार बेहद कम गर्म दर्ज किया गया। इस बार अधिक बारिश के कारण अधिकतम तापमान औसतन 36.8 डिग्री सेल्सियस तक नीचे आ गया।
मौसम केंद्र ने पिछले साल मानसून-पूर्व मौसम में 9 अप्रैल और 4 मई के बीच 13 दिन लू की स्थिति दर्ज की थी। वर्ष 2021 में इस अवधि के दौरान सिर्फ 1 दिन, 2020 में 4 दिन और 2019 में भी 1 दिन लू चली थी। लू की स्थिति तब होती है, जब किसी मौसम केंद्र पर अधिकतम तापमान मैदानी इलाकों में कम से कम 40 डिग्री सेल्सियस, तटीय क्षेत्रों में 37 डिग्री और पर्वतीय क्षेत्रों में 30 डिग्री तक पहुंच जाता है और सामान्य से कम से कम 4.5 डिग्री तापमान अधिक होता है।