अफजल गुरु की 7वीं बरसी पर कश्मीर में रहा तनाव

सुरेश एस डुग्गर
रविवार, 9 फ़रवरी 2020 (20:44 IST)
जम्मू। संसद पर हमले के दोषी आतंकी अफजल गुरु को आज ही के दिन साल 2013 में फांसी दी गई थी। ऐसे में माहौल न बिगड़े इसके चलते प्रशासन ने कश्मीर में 2जी इंटरनेट सेवा पर रोक लगा दी गई थी, जिसे रविवार शाम को फिर से बहाल कर दिया गया लेकिन सारा दिन तनाव जरूर बना रहा क्योंकि आज अलगाववादियों ने बंद का आह्वान भी किया था। उन्होंने 11 फरवरी को भी मकबूल बट की बरसी पर हड़ताल का आह्वान किया है।

याद रहे गत दिनों सुरक्षा एजेंसियों ने अलर्ट जारी करते हुए कहा था कि पाकिस्तान जम्मू कश्मीर में 9 फरवरी के आसपास किसी बड़े फिदायीन हमले की फिराक में है और इसी के मद्देनजर प्रदेश में सुरक्षा एजेंसियों ने अलर्ट जारी किया था। 7 साल पहले 9 फरवरी को संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु को फांसी दी गई थी।

अलर्ट में बताया गया था कि इसी दिन पाकिस्तानी आतंकी जम्मू कश्मीर में सुरक्षाबलों की छावनियों या काफिले को निशाना बना सकते हैं। जम्मू पठानकोट हाईवे पर सुरक्षा के यह बंदोबस्त जम्मू-कश्मीर में खुफिया एजेंसियों के उस अलर्ट के बाद किए गए हैं, जिसमें कहा गया था पाकिस्तान समर्थित आतंकी 9 फरवरी के आसपास जम्मू में फिदायीन हमला कर सकते हैं।

इस अलर्ट में ये भी कहा गया था कि पाकिस्तानी फिदायीन जम्मू में किसी सैन्य शिविर या फिर सेना या अर्धसैनिक बलों की छावनी को निशाना बना सकते हैं। इस अलर्ट के बाद जम्मू में सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए गए थे और शहर में आने वाले हर वाहन की तलाशी ली जा रही थी। सुरक्षाबल खासतौर पर पंजाब की तरफ से आने वाले वाहनों पर नजर रखे हुए हैं।

गौरतलब है कि आज संसद हमले के मुख्य साजिशकर्ता अफजल गुरु की 7वीं बरसी है। हुर्रियत कॉन्‍फ्रेंस समेत विभिन्न अलगाववादी संगठनों के साझा मंच ज्वाएंट रजिस्टेंस लीडरशिप जेआरएल ने अफजल गुरु और मकबूल बट की बरसी के सिलसिले में 9 व 11 फरवरी को कश्मीर बंद का आहवान कर रखा है।

अफजल गुरु को 7 साल पहले 9 फरवरी को दिल्ली की तिहाड़ जेल में फांसी दी गई थी। अलगाववादियों ने 11 फरवरी तक 3 दिन के बंद का आह्वान किया है। 11 फरवरी को जेकेएलएफ के संस्थापक मकबूल भट्ट की बरसी है। भट्ट को 33 साल पहले तिहाड़ जेल में फांसी के बाद दफना दिया गया था।

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