हरियाणा की मस्जिद में लगा है मोस्ट वांटेड आतंकी हाफिज सईद का पैसा, NIA ने किया बड़ा खुलासा...

Webdunia
सोमवार, 15 अक्टूबर 2018 (12:38 IST)
नई दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की जांच में खुलासा हुआ है कि हरियाणा के पलवल जिले में आतंकी संगठन के पैसों से मस्जिद बनाई गई है। इस बीच, एक आरोपी ने पूछताछ के दौरान पाकिस्तानी नागरिक से पैसा लेने की बात कबूली है।
 
एएनआई के ट्‍वीट के मुताबिक अनुसार एनआईए की जांच में यह बात सामने आई कि इस मस्जिद के निर्माण के लिए पाकिस्तान में स्थित कुख्यात आतंकवादी सरगना हाफिज सईद के संगठन लश्कर-ए- तैयबा से पैसे लिए गए। इस खुलासे के बाद हरियाणा में बनी ये मस्जिद सुरक्षा एजेंसियों के जांच के घेरे में आ गई है।
 
इमाम सहित तीन लोग हुए थे गिरफ्तार : खुलाफा-ए-रशीदीन नाम की यह मस्जिद पलवल के उत्तावर में बनी है। 3 अक्टूबर को एनआईए ने मस्जिद की तलाशी ली थी। इससे पहले दिल्ली में टेरर फंडिंग मामले में इस मस्जिद के इमाम मोहम्मद सलमान समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया था। 
 
एनआईए ने इसमें मोहम्मद सलमान के अलावा, मोहम्मद सलीम और साजिद अब्दुल वाणी को भी गिरफ्तार किया था। इन पर आरोप था कि इन सभी लोगों ने 26 सितंबर को लाहौर में स्थित फलाह-ए-इंसानियत (एफआईएफ) फाउंडेशन से आतंकी गतिविधियों के लिए पैसे लिए थे। एफआईएफ फाउंडेशन की स्थापना हाफिज सईद के जमात-उद-दावा ने की थी।
 
विवादित जमीन पर बनी है मस्जिद : खबरों के अनुसार इस पूरे मामले पर स्थानीय लोगों का कहना है कि ये मस्जिद विवादित जमीन पर बनाई गई है। हालांकि लोगों ने सलमान के लश्कर-ए-तैयबा के साथ संबंधों के बारे में कोई जानकारी से इंकार किया है। 
 
दस्तावेजों की जांच : एनआईए की टीम मस्जिद की जांच के अलावा मस्जिद के कर्मचारियों से पूछताछ की जा रही है। इसके अलावा खाता बही के साथ-साथ मस्जिद बनाने के लिए मिली राशि से जुड़े दस्तावेजों की जांच भी हो रही है।
ऑफिसर का दावा, मिले थे 70 लाख रुपए : खबरों के अनुसार एनआईए के अफसर ने दावा किया है कि संगठन ने उत्तावर में मस्जिद बनाने के लिए सलमान को 70 लाख रुपए दिए थे। इतना ही नहीं, उसे अपनी बेटी की शादी के लिए भी पैसे दिए गए थे। अफसर के मुताबिक वे फिलहाल इस बात की जांच करने में जुटे हैं कि मस्जिद को कहां-कहां से पैसे मिल रहे हैं और इन पैसों का प्रयोग कैसे किया जा रहा है।
 
एएनआई के ट्‍वीट के मुताबिक मस्जिद के लिए पैसा दुबई में रह रहे पाकिस्तानी नागरिक कामरान के जरिए मिला था। कामरान पर आरोप है कि वह लश्कर के लिए काम करता है और आतंकवाद के लिए आर्थिक मदद मुहैया करवाता है। 

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