जम्मू। पुलवामा हमले के बाद आतंकियों के खिलाफ सुरक्षाबलों के हल्ला बोल का परिणाम है कि सुरक्षाबलों ने पिछले एक सप्ताह में 17 आतंकियों को मार गिराया है। तीन से 4 आतंकियों के साथ समाचार भिजवाए जाने तक मुठभेड़ जारी थी, जबकि तीन महीनों का आंकड़ा लें तो 70 आतंकी मारे जा चुके हैं।
हालांकि 70 आतंकियों को मार गिराने के लिए 60 सुरक्षाकर्मियों को अपना बलिदान देना पड़ा था। इनमें पुलवामा हमले का आंकड़ा भी शामिल है, जो कश्मीर का आज तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है किसी आतंकी हमले में मरने वाले सुरक्षाकर्मियों का।
मतदान से पूर्व चुनाव प्रक्रिया को सुरक्षित व शांतिपूर्ण बनाए रखने के लिए सुरक्षाबलों ने अपने आतंकरोधी अभियान को गति प्रदान कर दी है। शुक्रवार को लालचौक से करीब 17 किलोमीटर दूर नौगाम में हुई मुठभेड़ में जैश के दो आतंकियों को मार गिराया। मुठभेड़ में आतंकी ठिकाना बना मकान भी तबाह हुआ और पांच सैन्यकर्मी जख्मी भी हुए। वादी में बीते एक सप्ताह के दौरान विभिन्न मुठभेड़ों में 17 आतंकी सुरक्षाबलों की गोली का शिकार बन चुके हैं। साथ ही, कई आतंकी ठिकाने भी ध्वस्त कर दिए गए हैं।
राज्य पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि आतंकी चुनाव प्रक्रिया में खलल डालने की हरसंभव साजिश कर रहे हैं। उनके मंसूबों को नाकाम बनाने के लिए सुरक्षाबलों ने आतंकियों के खिलाफ अपने अभियान तेज कर दिए हैं। इन अभियानों में एक सप्ताह के भीतर अब तक 17 आतंकी मारे गए हैं।
उन्होंने बताया कि 22 मार्च को उत्तरी कश्मीर के कंडी कलांतरा व हाजिन में दो अलग-अलग मुठभेड़ों में जैश व लश्कर के चार आतंकी मारे गए थे। इसी दिन दक्षिण कश्मीर के रत्नीपोरा शोपियां में जैश के दो आतंकी मारे गए। वारपोरा सोपोर में 23 मार्च को सुरक्षाबलों ने जैश के दो आतंकियों को मार गिराया। गुरुवार 28 मार्च को जम्मू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली से चंद घंटे पहले भी दक्षिण कश्मीर के शोपियां और उत्तरी कश्मीर के यारू (हंदवाड़ा) में दो-दो आतंकी सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए।