रामविलास पासवान की अंत्येष्टि, मुखाग्नि देते समय बेसुध होकर गिरे चिराग पासवान

शनिवार, 10 अक्टूबर 2020 (18:46 IST)
पटना। केंद्रीय मंत्री और लोकजनशक्ति पार्टी (LjP) के संस्थापक रामविलास पासवान शनिवार को पंचतत्व में विलीन हो गए। पटना के दीघा घाट पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ रामविलास पासवान के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार किया गया। चिराग पासवान ने दी पिता को मुखाग्नि दी। मुखाग्नि देते हुए चिराग बेहद भावुक हो गए और सुध होकर गिर पड़े। वहां मौजूद लोगों ने चिराग को संभाला।

रामविलास पासवान का गुरुवार शाम निधन हो गया था। शुक्रवार शाम पासवान का पार्थिव शरीर वायुसेना के विशेष विमान से पटना लाया गया था। अंतिम संस्कार के दौरान दीघा स्थित घाट पर भारी संख्या में लोग मौजूद थे और 'रामविलास अमर रहें' के नारे लगा रहे थे। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, गिरिराज सिंह, नित्यानंद राय, उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव भी मौजूद थे।

इससे पहले सेना के जवानों ने हवाई फायरिंग और मातमी धुन बजाकर जबकि बिहार पुलिस के जवानों ने शस्त्र उल्टाकर पासवान को सलामी दी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत अन्य नेताओं और पासवान के परिजनों ने पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर बिहार के अलग-अलग हिस्सों से पासवान के समर्थक हाथों में एक-एक लकड़ी लेकर आए थे, जिसे उन्होंने बाद में चिता पर रखी।

कोरोना महामारी के बावजूद अपने प्रिय नेता के अंतिम दर्शन के लिए बड़ी संख्या में लोग घाट पर जुटे थे। घाट पर उमड़े जनसैलाब को नियंत्रित करने के लिए सेना के जवानों और पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी। सभी ने नम आंखों से अपने प्रिय नेता को विदाई दी।

इससे पूर्व पासवान की अंतिम यात्रा उनके एसके पुरी स्थित आवास से जब शुरू हुई तब उसमें सैकड़ों लोग शामिल हो गए। उनकी यात्रा में शामिल होने के लिए उनके संसदीय क्षेत्र हाजीपुर से ही नहीं बल्कि बिहार के अलग-अलग हिस्से के साथ ही केरल, झारखंड, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पंजाब, पश्चिम बंगाल और राजस्थान समेत देश के भी कई हिस्से से लोग पहुंचे थे।

आज सुबह पासवान का पार्थिव शरीर एसके पुरी स्थित उनके आवास पर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया था, जहां बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव समेत कई बड़े नेता पहुंचे थे। इस दौरान चिराग पासवान बेहद भावुक दिखे और यादव को देखते ही वे फफक-फफक कर रो पड़े। यादव भी अपने आंसू नहीं रोक पाए। वहां मौजूद लोगों ने दोनों को किसी तरह संभाला।

घर के बाहर भी माहौल बेहद गमगीन था। अपने प्रिय नेता के अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे लोग अपनी भावनाओं को रोक नहीं पा रहे थे। कई लोगों को फूट-फूटकर रोते देखा गया। उनके लिए यह विश्वास कर पाना मुश्किल हो रहा था कि उनके प्रिय नेता अब इस दुनिया में नहीं रहे।

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