विभाग ने हालांकि कहा कि मानसून के दौरान अल नीनो की स्थिति बन सकती है लेकिन सकारात्मक हिंद महासागर द्विध्रुव (आईओडी) और उत्तरी गोलार्ध पर कम बर्फ पड़ने से इन स्थितियों का मुकाबला करने में मदद मिल सकती है। यह पूर्वानुमान कृषि क्षेत्र के लिए राहत की खबर है। कृषि क्षेत्र फसलों की पैदावार के लिए मुख्य रूप से मानसून की बारिश पर ही निर्भर रहता है।
क्या कहा स्काईमेट वेदर ने : मौसम संबंधी रिपोर्ट जारी करने वाली निजी एजेंसी स्काईमेट वेदर के मुताबिक 2023 में मानसून सामान्य से कम रह सकता है। स्काईमेट के अनुसार सामान्य बारिश होने की सिर्फ 25 प्रतिशत संभावना है। इस साल 20 प्रतिशत सूखा पड़ सकता है। लॉन्ग पीरियड एवरेज का 94 प्रतिशत बारिश होने का अनुमान है। सूखा पड़ने की भी 20% संभावना है।
ला नीना खत्म हो चुका है और आने वाले दिनों में अल नीनो के चलते मानसून के कमजोर रहने की संभावना बन रही है। स्काईमेट के अनुसार इस बार अल नीनो का खतरा मंडरा रहा है। इस कारण से बारिश सामान्य से काफी कमजोर रहती है और देश को सूखा झेलना पड़ सकता है। मौसम ज्यादा गरम रहने से फसलों पर भी बुरा असर पड़ने की आशंका है। (एजेंसी/वेबदुनिया)